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अच्छे फैसले कैसे करें?खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!—ईश्वर से जानें
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5. दूसरों के ज़मीर का ध्यान रखिए
एक इंसान जो फैसला करता है, वह दूसरों से बिलकुल अलग हो सकता है। तो फैसला लेते वक्त हम दूसरों के ज़मीर का कैसे खयाल रख सकते हैं? दो हालात पर गौर कीजिए:
1: एक बहन दूसरी मंडली में जाने लगी है। बहन को मेकअप करना बहुत पसंद है। पर नयी मंडली में ज़्यादातर बहनों को यह देखकर अच्छा नहीं लगता कि कोई मेकअप करे।
रोमियों 15:1 और 1 कुरिंथियों 10:23, 24 पढ़िए। फिर आगे दिए सवालों पर चर्चा कीजिए:
इन वचनों के मुताबिक वह बहन शायद क्या करने की सोचे? अगर आपका ज़मीर आपको कोई काम करने से नहीं रोकता, लेकिन दूसरे का ज़मीर उसे रोकता है, तो आप क्या करेंगे?
2: एक भाई जानता है कि हद में रहकर शराब पीना बाइबल के मुताबिक गलत नहीं है। फिर भी उसने फैसला किया है कि वह शराब नहीं पीएगा। उसे कहीं खाने पर बुलाया जाता है और वह देखता है कि वहाँ मंडली के भाई शराब पी रहे हैं।
सभोपदेशक 7:16 और रोमियों 14:1, 10 पढ़िए। फिर आगे दिए सवालों पर चर्चा कीजिए:
इन वचनों के मुताबिक वह भाई शायद क्या करने की सोचे? अगर आप किसी को कोई ऐसा काम करते हुए देखते हैं जो आपके ज़मीर को सही नहीं लगता, तो आप क्या करेंगे?
अच्छे फैसले लेने के लिए क्या करें?
1. प्रार्थना कीजिए: यहोवा से मदद माँगिए कि आप अच्छे फैसले कर सकें।—याकूब 1:5.
2. खोजबीन कीजिए: बाइबल और बाइबल पर आधारित प्रकाशनों में ऐसे सिद्धांत ढूँढ़िए जिनसे आपको मदद मिल सकती है। आप चाहें तो अनुभवी भाई-बहनों से भी बात कर सकते हैं।
3. मनन कीजिए: सोचिए कि आपके फैसले का आपके ज़मीर पर और दूसरों के ज़मीर पर क्या असर होगा।
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ऐसी बातें कीजिए जो यहोवा को भाएँखुशी से जीएँ हमेशा के लिए!—ईश्वर से जानें
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5. दूसरों के बारे में अच्छी बातें कीजिए
हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हम किसी की बेइज़्ज़ती न करें और न ही दिल दुखानेवाली बातें कहें। वीडियो देखिए। फिर आगे दिए सवालों पर चर्चा कीजिए:
वीडियो में दिखाए गए भाई को कौन-सी बुरी आदत थी और वह क्यों उसे बदलना चाहता था?
खुद को बदलने के लिए उसने क्या किया?
सभोपदेशक 7:16 पढ़िए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:
जब किसी की बुराई करने का मन करें, तो हमें क्या बात याद रखनी चाहिए?
सभोपदेशक 7:21, 22 पढ़िए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:
आपको पता चलता है कि किसी ने आपके बारे में बुरा-भला कहा है। आप शायद बुरा मान जाएँ या आपको गुस्सा आए। ऐसे में इन वचनों से कैसे आपको मदद मिल सकती है?
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