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  • “मेरी प्रजा को शान्ति दो”
    यशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग I
    • 17, 18. (क) यहूदी बंधुए क्यों भरोसा रख सकते हैं कि उन्हें अपने देश में बहाल किया जाएगा? (ख) यशायाह ने हैरत में डाल देनेवाले कौन-से सवाल पूछे?

      17 यहूदी बंधुए पूरा भरोसा रख सकते हैं कि उन्हें अपने देश में बहाल किया जाएगा क्योंकि परमेश्‍वर के पास इतनी ताकत और बुद्धि है जितनी किसी के पास नहीं है। यशायाह कहता है: “किस ने महासागर को चुल्लू से मापा और किस के वित्ते से आकाश का नाप हुआ, किस ने पृथ्वी की मिट्टी को नपवे में भरा और पहाड़ों को तराजू में और पहाड़ियों को कांटे में तौला है? किस ने यहोवा की आत्मा को मार्ग बताया वा उसका मन्त्री होकर उसको ज्ञान सिखाया है? उस ने किस से सम्मति ली और किस ने उसे समझाकर न्याय का पथ बता दिया और ज्ञान सिखाकर बुद्धि का मार्ग जता दिया है?”—यशायाह 40:12-14.

      18 हैरत में डाल देनेवाले इन सवालों पर यहूदी बंधुओं को विचार करना चाहिए। क्या अदना-सा इंसान विशाल महासागर में चढ़ते ज्वारभाटे को पीछे धकेल सकता है? हरगिज़ नहीं! मगर, यहोवा के लिए सारी पृथ्वी के सागर मिलकर भी ऐसे हैं जैसे हथेली पर पानी की एक बूँद।b क्या पिद्दा-सा इंसान, तारों से भरे विशाल आसमान को नाप सकता है या क्या वह पृथ्वी के पहाड़ों और पहाड़ियों को तराज़ू में रखकर तौल सकता है? नहीं। मगर यहोवा आकाश को इतनी आसानी से नाप सकता है जैसे कोई मनुष्य अपनी बालिश्‍त या बित्ते—हाथों की उंगलियों को फैलाने पर अंगूठे के सिरे से छोटी उंगली के सिरे तक दूरी—से किसी चीज़ को नाप ले। दरअसल, परमेश्‍वर पहाड़ों और पहाड़ियों को मानो तराज़ू में तौल सकता है। क्या दुनिया का सबसे बुद्धिमान व्यक्‍ति परमेश्‍वर को सलाह दे सकता है कि उसे मौजूदा हालात को देखते हुए क्या करना चाहिए या भविष्य में क्या करना चाहिए? नहीं, हरगिज़ नहीं!

  • “मेरी प्रजा को शान्ति दो”
    यशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग I
    • b यह हिसाब लगाया गया है कि “पूरी दुनिया में फैले समुद्र का कुल द्रव्यमान करीब 1.35 क्विन्टिलियन (1.35 x 1018) मेट्रिक टन है या इस पृथ्वी के कुल द्रव्यमान का लगभग 1/4400 है।”—एनकार्टा 97 इन्साइक्लोपीडिया।

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