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  • “मेरी प्रजा को शान्ति दो”
    यशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग I
    • 28, 29. (क) यहोवा अपने लोगों को कैसे याद दिलाता है कि वह थके हुओं की मदद करेगा? (ख) यहोवा अपने सेवकों को कैसे शक्‍ति देता है, यह समझाने के लिए क्या उदाहरण इस्तेमाल किया गया है?

      28 यशायाह के ज़रिए, यहोवा दुःखी बंधुओं की हिम्मत बँधाना जारी रखते हुए कहता है: “वह थके हुए को बल देता है और शक्‍तिहीन को बहुत सामर्थ देता है। तरुण तो थकते और श्रमित हो जाते हैं, और जवान ठोकर खाकर गिरते हैं; परन्तु जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे नया बल प्राप्त करते जाएंगे, वे उकाबों की नाईं उड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे, चलेंगे और थकित न होंगे।”—यशायाह 40:29-31.

      29 थके हुए को बल देने की बात करते वक्‍त, यहोवा के मन में शायद पस्त कर देनेवाला वह सफर होगा जो बंधुओं को अपने वतन वापस लौटने के लिए करना पड़ेगा। यहोवा अपने लोगों को याद दिलाता है कि उसकी खासियत यही है कि वह उन थके हुए लोगों को सहारा देता है जो उसके पास मदद के लिए आते हैं। इंसानों में सबसे ताकतवर, यानी “लड़के” और “जवान” भी शायद थककर चूर हो जाएँ और पस्त होकर गिर पड़ें। मगर, यहोवा वादा करता है कि उस पर भरोसा रखनेवालों को वह ऐसी शक्‍ति देगा कि वे बिना थके दौड़ेंगे और चलेंगे। यहोवा अपने सेवकों को कैसे शक्‍ति देता है, यह समझाने के लिए उकाब का उदाहरण दिया गया है, जो मानो बिना ताकत लगाए घंटों तक आकाश में उड़ता रहता है।e जब यहोवा की तरफ से ऐसा सहारा मिलने की उम्मीद है तो यहूदी बंधुओं के पास निराश होने की कोई वजह नहीं है।

  • “मेरी प्रजा को शान्ति दो”
    यशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग I
    • 30. आज सच्चे मसीही यशायाह के 40वें अध्याय की आखिरी आयतों से कैसे शांति पा सकते हैं?

      30 यशायाह के 40वें अध्याय के इन आखिरी वचनों से, उन सच्चे मसीहियों को शांति मिलती है जो इस दुष्ट संसार के अन्तिम दिनों में जी रहे हैं। निराश करनेवाले इतने सारे दबावों और समस्याओं के होते हुए, यह जानकर हमारा विश्‍वास कितना मज़बूत होता है कि हम जिन तकलीफों से गुज़र रहे हैं और जिन अन्यायों को सह रहे हैं, वे यहोवा की नज़रों से छिप नहीं सकते। हम यकीन रख सकते हैं कि सब चीज़ों का सिरजनहार, जिसकी “बुद्धि अपरम्पार है,” अपने वक्‍त पर और अपने तरीके से सारे अन्याय को मिटा देगा। (भजन 147:5,6) इस दौरान, हमें अपनी ताकत के भरोसे मुसीबतों का सामना करने की ज़रूरत नहीं है। यहोवा जिसके पास बेहिसाब ताकत का भंडार है, अपने सेवकों को परीक्षा की घड़ियों में बल दे सकता है, जी हाँ, “असीम सामर्थ” दे सकता है।—2 कुरिन्थियों 4:7.

  • “मेरी प्रजा को शान्ति दो”
    यशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग I
    • e उकाब कम-से-कम ताकत का इस्तेमाल किए आकाश में उड़ता रहता है। इसके लिए वह, गर्म होकर ऊपर उठनेवाली हवाओं का इस्तेमाल करता है।

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