-
क्या आप यहोवा के दोस्त बन सकते हैं?खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!—ईश्वर से जानें
-
-
6. यहोवा अपने दोस्तों के लिए क्या-क्या करता है?
यहोवा मुश्किलों के वक्त अपने दोस्तों की मदद करता है। वीडियो देखिए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:
बुरी यादों से और निराशा से जूझने में यहोवा ने उस औरत की कैसे मदद की है?
यशायाह 41:10, 13 पढ़िए। फिर आगे दिए सवालों पर चर्चा कीजिए:
इन वचनों में यहोवा अपने दोस्तों को किस बात का यकीन दिलाता है?
क्या यहोवा से अच्छा दोस्त कोई और हो सकता है? आप ऐसा क्यों कहते हैं?
सच्चे दोस्त ज़रूरत के वक्त मदद करते हैं। यहोवा भी आपकी मदद करेगा
-
-
खुशखबरी सुनाने के लिए आप क्या कर सकते हैं?खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!—ईश्वर से जानें
-
-
3. यहोवा आपके साथ रहेगा
कुछ लोग प्रचार करना चाहते हैं, पर यह सोचकर घबराते हैं कि लोग उनके बारे में क्या सोचेंगे या उनके साथ कैसे पेश आएँगे।
आप जो सीख रहे हैं, क्या इस बारे में दूसरों को बताने से आप घबराते हैं? आपको ऐसा क्यों लगता है?
वीडियो देखिए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:
उन जवान भाई-बहनों ने अपना डर दूर करने के लिए क्या किया?
यशायाह 41:10 पढ़िए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:
अगर आपको प्रचार करने से डर लगे, तो प्रार्थना करने से कैसे मदद मिल सकती है?
क्या आप जानते हैं?
कई साक्षियों को शुरू-शुरू में लगता था कि वे कभी दूसरों को प्रचार नहीं कर पाएँगे। सरगे का उदाहरण लीजिए। वह खुद को दूसरों से बहुत कम समझता था, इसलिए वह लोगों से बात करने से डरता था। फिर वह बाइबल अध्ययन करने लगा। वह कहता है, “मुझे डर तो लगता था, फिर भी मैं दूसरों को बताने लगा कि मैं बाइबल से क्या सीख रहा हूँ। मैं यह देखकर हैरान रह गया कि जितना ज़्यादा मैं दूसरों को बताने लगा, मेरा डर दूर होता गया। और मैं खुद के बारे में अच्छा महसूस करने लगा। यही नहीं, बाइबल की बातों पर मेरा विश्वास और बढ़ गया।”
-
-
क्या आप बपतिस्मा लेने के लिए तैयार हैं?खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!—ईश्वर से जानें
-
-
6. भरोसा रखिए कि यहोवा ज़रूर आपकी मदद करेगा
यहोवा हर हाल में आपकी मदद करेगा। वीडियो देखिए। फिर आगे दिए सवालों पर चर्चा कीजिए:
वीडियो में बाइबल विद्यार्थी बपतिस्मा लेने से क्यों पीछे हट रहा था?
उसने यहोवा के बारे में ऐसी कौन-सी बात जानी, जिससे यहोवा पर उसका भरोसा बढ़ा?
यशायाह 41:10, 13 पढ़िए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:
आप क्यों यकीन रख सकते हैं कि आप समर्पण का अपना वादा निभा पाएँगे?
-