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  • यशायाह की भविष्यवाणी पूरी होती है
    यीशु—राह, सच्चाई, जीवन
    • “देखो! मेरा सेवक जिसे मैंने चुना है। मेरा प्यारा, जिसे मैंने मंज़ूर किया है! मैं उस पर अपनी पवित्र शक्‍ति उँडेलूँगा और वह राष्ट्रों को साफ-साफ दिखाएगा कि सच्चा न्याय क्या होता है। वह न तो झगड़ा करेगा, न ज़ोर से चिल्लाएगा, न ही उसकी आवाज़ बड़ी-बड़ी सड़कों पर सुनायी देगी। वह कुचले हुए नरकट को नहीं कुचलेगा, न ही टिमटिमाती बाती को बुझाएगा और वह पूरी तरह न्याय करेगा। वाकई, राष्ट्र उसके नाम पर आशा रखेंगे।”​—मत्ती 12:18-21; यशायाह 42:1-4.

  • यशायाह की भविष्यवाणी पूरी होती है
    यीशु—राह, सच्चाई, जीवन
    • यीशु ऐसे लोगों को दिलासा देता है जिनकी हालत कुचले हुए नरकट जैसी है। वे टिमटिमाती बाती जैसे हैं जिसकी लौ बुझने ही वाली है। यीशु कुचले हुए नरकट को कुचल नहीं देता, न ही टिमटिमाती बाती की लौ बुझा देता है। जिन लोगों को पैरों से रौंद दिया गया है उन्हें वह ऊपर उठाता है। वह ऐसे लोगों के साथ प्यार और नरमी से पेश आता है। वाकई यीशु ही वह सेवक है जिससे सब राष्ट्रों के लोगों को आशा मिलती है।

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