-
सच्चा परमेश्वर छुटकारे की भविष्यवाणी करता हैयशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग II
-
-
20 “यहोवा, तेरा उद्धारकर्त्ता, जो तुझे गर्भ ही से बनाता आया है, यों कहता है, मैं यहोवा ही सब का बनानेवाला हूं जिस ने अकेले ही आकाश को ताना और पृथ्वी को अपनी ही शक्ति से फैलाया है। मैं झूठे लोगों के कहे हुए चिन्हों को व्यर्थ कर देता और भावी कहनेवालों को बावला कर देता हूं; जो बुद्धिमानों को पीछे हटा देता और उनकी पण्डिताई को मूर्खता बनाता हूं; और अपने दास के वचन को पूरा करता और अपने दूतों की युक्ति को सुफल करता हूं; जो यरूशलेम के विषय कहता है, वह फिर बसाई जाएगी और यहूदा के नगरों के विषय, वे फिर बनाए जाएंगे और मैं उनके खण्डहरों को सुधारूंगा; जो गहिरे जल से कहता है, तू सूख जा, मैं तेरी नदियों को सुखाऊंगा; जो कुस्रू के विषय में कहता है, वह मेरा ठहराया हुआ चरवाहा है और मेरी इच्छा पूरी करेगा; यरूशलेम के विषय कहता है, वह बसाई जाएगी और मन्दिर के विषय कि तेरी नेव डाली जाएगी।”—यशायाह 44:24-28.
-
-
सच्चा परमेश्वर छुटकारे की भविष्यवाणी करता हैयशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग II
-
-
22. समझाइए कि फरात नदी कैसे सूख गयी।
22 जो भविष्यवक्ता परमेश्वर की ओर से नहीं हैं, वे अकसर साफ-साफ शब्दों में भविष्यवाणी नहीं करते क्योंकि उन्हें डर रहता है कि कहीं उनकी बात झूठी साबित न हो। मगर यहोवा उनसे बिलकुल अलग है। वह यशायाह की मारफत उस पुरुष का नाम तक बता देता है जिसके ज़रिए वह अपने लोगों को बंधुआई से छुड़ाएगा ताकि वे अपने देश लौटकर यरूशलेम और उसके मंदिर को दोबारा बना सकें। उस पुरुष का नाम है, कुस्रू जो फारस के कुस्रू महान के नाम से जाना जाता है। यहोवा यह भी बताता है कि कुस्रू कैसी रणनीति अपनाकर बाबुल की विशाल, फौलाद जैसी मज़बूत साथ ही जटिल मोर्चाबंदी को तोड़ देगा। बाबुल की हिफाज़त के लिए ऊँची-ऊँची शहरपनाहें हैं और शहर के अंदर और इसके चारों ओर बहुत-सी नहरें भी बहती हैं। बाबुल की मोर्चाबंदी का एक खास हिस्सा है, फरात नदी। इसी नदी को कुस्रू अपने काबू में कर लेगा। हिरॉडटस और ज़ेनफन नाम के प्राचीन इतिहासकारों के मुताबिक, कुस्रू ने फरात नदी के पानी का रुख बाबुल शहर से पहले मोड़ दिया था, जिससे नदी का पानी इतना कम हो गया कि सैनिक पैदल चलकर आसानी से नदी पार कर गए और बाबुल में घुस गए। इस तरह, महान नदी फरात मानो सूख गयी और बाबुल की हिफाज़त न कर सकी।
-