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  • विश्‍वासघात करनेवाली दाख की बारी पर हाय!
    यशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग I
    • 25, 26. यशायाह अपने तीसरे और चौथे शाप में इस्राएलियों के किन दुष्ट विचारों का परदाफाश करता है?

      25 अब यशायाह तीसरा और चौथा शाप सुनाता है: “हाय उन पर जो अधर्म को अनर्थ की रस्सियों से और पाप को मानो गाड़ी के रस्से से खींच ले आते हैं, जो कहते हैं, वह फुर्ती करे और अपने काम को शीघ्र करे कि हम उसको देखें; और इस्राएल के पवित्र की युक्‍ति प्रगट हो, वह निकट आए कि हम उसको समझें! हाय उन पर जो बुरे को भला और भले को बुरा कहते, जो अंधियारे को उजियाला और उजियाले को अंधियारा ठहराते, और कड़ुवे को मीठा और मीठे को कड़वा करके मानते हैं!”—यशायाह 5:18-20.

      26 पाप में फँसे लोगों की क्या ही मिसाल दी गई है! वे पाप से इस कदर बँधे हुए हैं जैसे बोझा ढोनेवाले जानवर गाड़ियों से बँधे होते हैं। इन पापियों को आनेवाले न्याय के दिन का कोई डर नहीं है। इसके बजाय वे ठट्ठा उड़ाते हुए कहते हैं: “[परमेश्‍वर] अपने काम को शीघ्र करे।” परमेश्‍वर ने सही और गलत के जो कानून बनाए हैं, उन्हें मानने के बजाय वे उनका गलत मतलब निकालकर “बुरे को भला और भले को बुरा कहते” हैं।—यिर्मयाह 6:15; 2 पतरस 3:3-7 से तुलना कीजिए।

  • विश्‍वासघात करनेवाली दाख की बारी पर हाय!
    यशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग I
    • [पेज 83 पर तसवीर]

      एक पापी पाप से इस कदर बँध जाता है, जैसे बोझा ढोनेवाला जानवर गाड़ी से

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