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“तुम प्रधानों पर भरोसा न रखना”यशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग II
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2 यहूदा की इस हालत के लिए कोई और नहीं बल्कि वह खुद ज़िम्मेदार है। वह हरगिज़ यह इलज़ाम नहीं लगा सकता कि उस पर आफत इसलिए आयी है क्योंकि यहोवा ने उसके साथ विश्वासघात किया है या वह इस देश के साथ अपनी वाचा को भूल गया है। सिरजनहार वाचा तोड़नेवालों में से नहीं है। (यिर्मयाह 31:32; दानिय्येल 9:27; प्रकाशितवाक्य 15:4) इसी बात पर ज़ोर देते हुए यहोवा, उन यहूदियों से पूछता है: “तुम्हारी माता का त्यागपत्र कहां है, जिसे मैं ने उसे त्यागते समय दिया था?” (यशायाह 50:1क) मूसा की व्यवस्था के अधीन, अगर एक आदमी अपनी पत्नी को तलाक देना चाहता है तो उसे अपनी पत्नी को त्याग-पत्र देना पड़ता था। तब वह स्त्री किसी और पुरुष की होने के लिए आज़ाद हो जाती थी। (व्यवस्थाविवरण 24:1,2) लाक्षणिक अर्थ में यहोवा ने यहूदा की बहन, यानी इस्राएल को ऐसा त्याग-पत्र दे दिया है, मगर यहूदा को नहीं।a वह अब भी उसका “स्वामी” है। (यिर्मयाह 3:8,14) इसलिए यहूदा को विधर्मी देशों के साथ नाता जोड़ने की छूट बिलकुल नहीं है। यहोवा के साथ उसका रिश्ता तब तक कायम रहेगा जब तक “शीलो [मसीहा] न आए।”—उत्पत्ति 49:10.
3. यहोवा ने अपने लोगों को क्यों ‘बेच’ दिया?
3 यहोवा, यहूदा से यह भी पूछता है: “क्या अपना कोई कर्ज चुकाने के लिये मैंने तुम्हें बेचा है?” (यशायाह 50:1ख, ईज़ी-टू-रीड वर्शन) ऐसा नहीं कि यहोवा अपना कोई कर्ज़ चुकाने के लिए यहूदियों को बाबुल की बंधुआई में भेज देगा। वह कोई गरीब इस्राएली नहीं जिसे अपने लेनदार को पैसा चुकाने के लिए अपने बच्चों को गुलामी में बेचना पड़े। (निर्गमन 21:7) यहोवा अपने लोगों के दास बनाए जाने की असली वजह बताता है: “सुनो, तुम अपने ही अधर्म के कामों के कारण बिक गए, और तुम्हारे ही अपराधों के कारण तुम्हारी माता छोड़ दी गई।” (यशायाह 50:1ग) यहोवा ने यहूदियों को नहीं त्यागा, बल्कि उन्होंने खुद यहोवा से मुँह फेर लिया है।
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“तुम प्रधानों पर भरोसा न रखना”यशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग II
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a यशायाह के 50वें अध्याय की पहली तीन आयतों में यहोवा, पूरे यहूदा राष्ट्र को अपनी पत्नी और उसके निवासियों को अपने बच्चे कहकर पुकारता है।
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