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  • “तुम प्रधानों पर भरोसा न रखना”
    यशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग II
    • 5 क्या मिस्र के पास यहोवा से बढ़कर उद्धार करने की ताकत है? ये विश्‍वासघाती यहूदी, शायद सदियों पहले हुई उन घटनाओं को भूल गए हैं जिनके बाद उनकी जाति का जन्म हुआ था। यहोवा उनसे पूछता है: “क्या मेरा हाथ ऐसा छोटा हो गया है कि छुड़ा नहीं सकता? क्या मुझ में उद्धार करने की शक्‍ति नहीं? देखो, मैं एक धमकी से समुद्र को सुखा देता हूं, मैं महानदों को रेगिस्तान बना देता हूं; उनकी मछलियां जल बिना मर जातीं और बसाती हैं। मैं आकाश को मानो शोक का काला कपड़ा पहिनाता, और टाट को उनका ओढ़ना बना देता हूं।”—यशायाह 50:2ख,3.

  • “तुम प्रधानों पर भरोसा न रखना”
    यशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग II
    • 7 यहोवा ने इस्राएलियों और मिस्रियों के बीच बादल का एक खंभा खड़ा कर दिया जिससे मिस्री जहाँ थे, वहीं रुक गए। बादल के जिस तरफ मिस्री थे वहाँ अंधकार था; जबकि इस्राएलियों की तरफ उजियाला। (निर्गमन 14:20) इस तरह मिस्र की फौज को काबू करने के बाद, यहोवा ने “रात भर प्रचण्ड पुरवाई चलाई, और समुद्र को दो भाग करके जल ऐसा हटा दिया, जिससे कि उसके बीच सूखी भूमि हो गई।” (निर्गमन 14:21) जब सागर के दो भाग हो गए तो इस्राएलियों के सभी आदमी, औरतें और बच्चे, सही-सलामत लाल समुद्र पार कर गए। वे समुद्र की दूसरी तरफ पहुँचने ही वाले थे कि यहोवा ने बादल हटा दिया। तब गुस्से से पागल मिस्री, बेतहाशा उनके पीछे भागे और समुद्र के बीचों-बीच आ गए। जैसे ही इस्राएलियों ने सही-सलामत किनारे पर कदम रखा, यहोवा ने पानी का बाँध तोड़ दिया जिससे फिरौन और उसकी फौज उसमें डूबकर मर गए। इस तरह यहोवा अपने लोगों के लिए लड़ा। इस घटना से आज मसीहियों को कितनी हिम्मत मिलती है!—निर्गमन 14:23-28.

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