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  • “तुम प्रधानों पर भरोसा न रखना”
    यशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग II
    • 13. बहुत जल्द यीशु के साथ क्या होनेवाला था, फिर भी उसने कैसे साहस दिखाया?

      13 यहोवा के एकलौते पुत्र को ठुकरानेवाले कुछ लोग उसे सताते हैं। इसके बारे में भी पहले से भविष्यवाणी की गयी थी: “मैंने पीटनेवालों की ओर अपनी पीठ और दाढ़ी नोचनेवालों की ओर अपने गाल कर दिए; अपमानित करने और थूकनेवालों से मैंने अपना मुख न छिपाया।” (यशायाह 50:6, NHT) इस भविष्यवाणी के मुताबिक, मसीहा के विरोधी उसे दुःख देंगे और उसका अपमान करेंगे। यीशु जानता था कि उसके साथ ऐसा होगा। और उसे यह भी पता था कि तकलीफों का यह दौर किस अंजाम तक पहुँचेगा। फिर भी, जब पृथ्वी पर उसका समय खत्म होने पर था तो वह बिलकुल भी भयभीत नहीं हुआ। उसका इरादा चकमक पत्थर की तरह मज़बूत था, और वह यरूशलेम की ओर निकल पड़ा जहाँ उसकी इंसानी ज़िंदगी का अंत होना था। वहाँ जाते वक्‍त, यीशु ने अपने चेलों से कहा: “देखो, हम यरूशलेम को जाते हैं, और मनुष्य का पुत्र महायाजकों और शास्त्रियों के हाथ पकड़वाया जाएगा, और वे उस को घात के योग्य ठहराएंगे, और अन्य जातियों के हाथ में सौंपेंगे। और वे उस को ठट्ठों में उड़ाएंगे, और उस पर थूकेंगे, और उसे कोड़े मारेंगे, और उसे घात करेंगे, और तीन दिन के बाद वह जी उठेगा।” (मरकुस 10:33,34) यीशु के साथ इतनी दुष्टता और घोर अन्याय के पीछे उन महायाजकों और शास्त्रियों का हाथ था, जिन्हें भविष्यवाणियों से पढ़कर यह अच्छी तरह मालूम हो जाना चाहिए था कि यीशु ही मसीहा है।

      14, 15. यशायाह के ये शब्द कैसे पूरे हुए कि यीशु को पीटा जाएगा और उसका अपमान किया जाएगा?

      14 सामान्य युग 33 के निसान 14 की रात को, यीशु अपने कुछ चेलों के साथ गतसमनी बाग में मौजूद था। वहाँ वह प्रार्थना कर रहा था कि अचानक, लोगों की भीड़ वहाँ आ धमकी और उसे हिरासत में ले लिया। मगर यीशु घबराया नहीं। वह जानता था कि यहोवा उसके साथ है। यीशु ने अपने सहमे हुए प्रेरितों का डर दूर करने के लिए कहा कि अगर वह चाहे तो अपनी रक्षा के लिए पिता से बिनती करके बारह पलटन से अधिक स्वर्गदूत मँगा सकता है। फिर उसने आगे कहा: “परन्तु पवित्र शास्त्र की वे बातें कि ऐसा ही होना अवश्‍य हैं, क्योंकर पूरी होंगी?”—मत्ती 26:36,47,53,54.

      15 मसीहा की परीक्षाओं और उसकी मौत के बारे में की गयी हर भविष्यवाणी पूरी हुई। महासभा ने उस पर मुकद्दमा चलाया, जिसका फैसला पहले से तय किया जा चुका था। उसके बाद पुन्तियुस पीलातुस ने यीशु से पूछताछ की और उसे कोड़े लगवाए। रोमी सैनिकों ने ‘उसके सिर पर सरकण्डे मारे, और उस पर थूका।’ इस तरह यशायाह की एक-एक बात पूरी हुई। (मरकुस 14:65; 15:19; मत्ती 26:67,68) यशायाह ने यह भी कहा था कि मसीहा की दाढ़ी के बाल नोचे जाएँगे, जो घोर अपमान की एक निशानी है। हालाँकि बाइबल में इसका कोई ज़िक्र नहीं मिलता, मगर जैसा यशायाह ने बताया था यीशु के साथ ऐसा ज़रूर हुआ होगा।c—नहेमायाह 13:25.

  • “तुम प्रधानों पर भरोसा न रखना”
    यशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग II
    • c गौर करने लायक बात है कि सेप्टुअजेंट में, यशायाह 50:6 का अनुवाद यूँ किया गया है: “मैंने अपनी पीठ कोड़े मारनेवालों और अपने गाल, प्रहार करनेवालों की ओर फेर दिए।”

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