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यहोवा दीन-हीन लोगों में नयी जान फूँकता हैयशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग II
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6 यहूदी, बड़े-बड़े पेड़ों के नीचे, घाटियों में, पहाड़ियों पर, नगरों में, जहाँ देखो वहाँ मूर्तिपूजा करते हैं। यहोवा की नज़रों से कुछ भी नहीं छिपा है और यशायाह के ज़रिए उनकी बदचलनी का परदाफाश करते हुए वह कहता है: “एक ऊंचे और विशाल पर्वत पर तू ने अपना बिछौना बिछाया है। वहां भी तू बलि करने के लिए चढ़ गई। तू ने अपना भक्ति-चिह्न द्वार और चौखट के पीछे रखा।” (यशायाह 57:7,8क, NHT) यहूदा ने ऊँचे स्थानों पर अपनी आध्यात्मिक अशुद्धता का बिछौना बिछाया है और वहाँ वह पराए देवताओं को बलि चढ़ाती है।a यहाँ तक कि लोगों के घर के द्वारों और चौखटों के पीछे भी मूर्तियाँ रखी हैं।
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यहोवा दीन-हीन लोगों में नयी जान फूँकता हैयशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग II
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a यहाँ शब्द “बिछौना” शायद झूठी उपासना की वेदी या उपासना की जगह के लिए इस्तेमाल हुआ है। उसे बिछौना कहकर हमें यह ध्यान दिलाया जाता है कि ऐसी उपासना आध्यात्मिक मायने में वेश्यावृत्ति है।
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