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  • यहोवा का हाथ छोटा नहीं हो गया
    यशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग II
    • 17. सिय्योन का छुड़ानेवाला कौन है, और वह उसे कब छुड़ाता है?

      17 मूसा की कानून-व्यवस्था के मुताबिक जो इस्राएली खुद को गुलामी के लिए बेच देता था, अगर उसका कोई छुड़ानेवाला हो तो वह उसे गुलामी से आज़ाद करवा सकता था। यशायाह की किताब में पहले भी बताया गया है कि जो लोग पश्‍चाताप करते हैं यहोवा उन्हें छुटकारा देता है। (यशायाह 48:17) अब उसे एक बार फिर पश्‍चातापी लोगों का छुड़ानेवाला कहा गया है। यहोवा के इस वादे के बारे में यशायाह लिखता है: “याकूब में जो अपराध से मन फिराते हैं उनके लिये सिय्योन में एक छुड़ानेवाला आएगा, यहोवा की यही वाणी है।” (यशायाह 59:20) यकीन दिलानेवाला यह वादा सा.यु.पू. 537 में पूरा हुआ। मगर इसकी एक और पूर्ति भविष्य में होनेवाली थी। इस वादे के बारे में प्रेरित पौलुस ने सेप्टुअजेंट वर्शन से हवाला दिया और इन शब्दों को मसीहियों पर लागू करते हुए लिखा: “इस रीति से सारा इस्राएल उद्धार पाएगा; जैसा लिखा है, कि छुड़ानेवाला सिय्योन से आएगा, और अभक्‍ति को याकूब से दूर करेगा। और उन के साथ मेरी यही वाचा होगी, जब कि मैं उन के पापों को दूर कर दूंगा।” (रोमियों 11:26,27) जी हाँ, यशायाह की भविष्यवाणी की पूर्ति हमारे समय में और भविष्य में भी होगी। कैसे?

  • यहोवा का हाथ छोटा नहीं हो गया
    यशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग II
    • 19. यहोवा, आत्मिक इस्राएल के साथ क्या वाचा बाँधता है?

      19 अब यहोवा परमेश्‍वर, अपने आत्मिक इस्राएल के साथ एक वाचा बाँधता है। इसके बारे में हम पढ़ते हैं: “यहोवा ने कहा है, ‘जो वाचा मैंने उनसे बान्धी है वह यह है: मेरा आत्मा जो तुझ पर ठहरा है, और अपने वचन जो मैंने तेरे मुंह में डाले हैं वे तेरे मुंह से, तेरे वंश के मुंह से, और तेरे वंश के वंशजों के मुंह से आज से लेकर सदा तक कभी न हटेंगे।’ यहोवा की यही वाणी है।” (यशायाह 59:21, NHT, फुटनोट) चाहे ये शब्द यशायाह के मामले में पूरे हुए हों या ना हुए हों, मगर यीशु में बेशक पूरे हुए थे। उसे विश्‍वास दिलाया गया था कि ‘वह अपना वंश देख पाएगा।’ (यशायाह 53:10) यीशु ने वही उपदेश दिया जो उसने यहोवा से सीखा था और यहोवा की आत्मा उस पर थी। (यूहन्‍ना 1:18; 7:16) इसलिए यह कहना सही होगा कि परमेश्‍वर के इस्राएल के सदस्य यानी यीशु के भाई और संगी वारिसों को भी यहोवा की पवित्र आत्मा मिलती है और वे भी वही संदेश प्रचार करते हैं जिसकी शिक्षा स्वर्ग में रहनेवाले उनके पिता ने उन्हें दी है। वे सब “यहोवा के सिखलाए हुए” हैं। (यशायाह 54:13; लूका 12:12; प्रेरितों 2:38) यशायाह या महान यशायाह, यीशु के ज़रिए यहोवा अब प्रतिज्ञा करता है कि वह आत्मिक इस्राएल को कभी नहीं त्यागेगा और वह उन्हें अपने साक्षियों के तौर पर सदा सर्वदा तक इस्तेमाल करेगा। (यशायाह 43:10) लेकिन उनके ‘वंशज’ कौन हैं जो उनके साथ-साथ इस वाचा से फायदा पाते हैं?

      20. इब्राहीम से किया गया यहोवा का वादा पहली सदी में कैसे पूरा हुआ?

      20 प्राचीन समय में, यहोवा ने इब्राहीम से वादा किया था: “पृथ्वी की सारी जातियां अपने को तेरे वंश के कारण धन्य मानेंगी।” (उत्पत्ति 22:18) इस वादे के मुताबिक मसीहा को माननेवाले पैदाइशी इस्राएलियों में से मुट्ठी-भर ने पहली सदी में, देश-देश में जाकर मसीह के बारे में सुसमाचार सुनाया। कुरनेलियुस के बाद अन्यजाति के कई खतनारहित लोगों ने भी इब्राहीम के वंश, यीशु के ज़रिए खुद को “धन्य” किया। वे परमेश्‍वर के इस्राएल के सदस्य और इब्राहीम के वंश का दूसरा भाग बने। वे यहोवा की “पवित्र जाति” हैं जिनका काम ‘उसके महान्‌ गुणों को प्रगट करना है जिसने उन्हें अंधकार में से अपनी अद्‌भुत ज्योति में बुलाया है।’—1 पतरस 2:9, NHT; गलतियों 3:7-9,14,26-29.

      21. (क) आज, परमेश्‍वर के इस्राएल ने कौन-सा “वंश” उत्पन्‍न किया है? (ख) परमेश्‍वर के इस्राएल के साथ बाँधी गयी यहोवा की वाचा, इस “वंश” को क्या यकीन दिलाती है?

      21 आज, ऐसा लगता है कि परमेश्‍वर के इस्राएल की पूरी संख्या इकट्ठी की जा चुकी है। इसके बावजूद इस भविष्यवाणी का पूरा होना जारी है। आज बड़े पैमाने पर देश-देश के लोग खुद को धन्य कर रहे हैं। कैसे? इस मायने में कि परमेश्‍वर के इस्राएल के ‘वंशज’ उत्पन्‍न हुए हैं यानी यीशु के वे शिष्य जिन्हें पृथ्वी पर फिरदौस में अनंत जीवन पाने की आशा है। (भजन 37:11,29) यहोवा इन “वंशजों” को सिखा रहा है और उन्हें अपनी राहों पर चलने की हिदायतें दे रहा है। (यशायाह 2:2-4) हालाँकि उन्होंने पवित्र आत्मा से बपतिस्मा नहीं पाया है, ना ही उनके साथ नयी वाचा बाँधी गयी है, मगर फिर भी यहोवा की पवित्र आत्मा उन्हें उन सारी रुकावटों को पार करने की ताकत देती है जो प्रचार काम को रोकने के लिए शैतान उनकी राह में खड़ी करता है। (यशायाह 40:28-31) उनकी गिनती आज लाखों तक पहुँच गयी है और यह गिनती बढ़ती ही जा रही है क्योंकि वे भी संतान को उत्पन्‍न करके वंश बढ़ाते जा रहे हैं। अभिषिक्‍त जनों के साथ बँधी यहोवा की वाचा इन “वंशजों” को यकीन दिलाती है कि यहोवा उन्हें भी हमेशा तक अपना संदेश सुनाने के लिए इस्तेमाल करेगा।—प्रकाशितवाक्य 21:3,4,7.

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