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  • “एक नया नाम”
    यशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग II
    • “यहोवा तुझ से प्रसन्‍न है”

      9. सिय्योन के बदले हुए हालात के बारे में बताइए।

      9 स्वर्गीय सिय्योन को एक नया नाम देना इस बात का शानदार सबूत है कि सिय्योन और पृथ्वी पर उसके बच्चों के हालात में खुशनुमा बदलाव आया है। भविष्यवाणी कहती है: “आगे को तू ‘अजूवाह’ [त्यागी हुई] न कहलाएगी, न ही तेरी भूमि ‘शमामाह’ [उजाड़] कहलाएगी, परन्तु तू ‘हेप्सीबा’ [मेरी प्रिया] और तेरी भूमि ‘ब्यूला’ [सुहागिन] कहलाएगी, क्योंकि यहोवा तुझ से प्रसन्‍न है, और उसके लिए तेरी भूमि सुहागिन होगी।” (यशायाह 62:4, NHT, फुटनोट) पृथ्वी की सिय्योन, सा.यु.पू. 607 में हुए विनाश के बाद से उजाड़ पड़ी थी। लेकिन, यहोवा के शब्द उसे आश्‍वासन देते हैं कि वह बहाल होगी और फिर से बसायी जाएगी। एक वक्‍त पर जो सिय्योन लूटकर बरबाद कर दी गयी थी, वह अब फिर कभी त्यागी न जाएगी और उसका देश फिर कभी सूना न होगा। सा.यु.पू. 537 में यरूशलेम की बहाली का मतलब होगा कि अब वह उजड़ी हुई नहीं है और उसकी हालत बिलकुल बदल चुकी है। यहोवा ऐलान करता है कि सिय्योन को “मेरी प्रिया” पुकारा जाएगा और उसकी भूमि “सुहागिन” कहलाएगी।—यशायाह 54:1,5,6; 66:8; यिर्मयाह 23:5-8; 30:17; गलतियों 4:27-31.

      10. (क) परमेश्‍वर के इस्राएल के हालात में कैसा बदलाव आया? (ख) परमेश्‍वर के इस्राएल की “भूमि” क्या है?

      10 सन्‌ 1919 से, परमेश्‍वर के इस्राएल के हालात में भी ऐसा ही बदलाव आया। पहले विश्‍वयुद्ध के दौरान, ऐसा लग रहा था कि परमेश्‍वर ने अभिषिक्‍त मसीहियों को त्याग दिया है। मगर 1919 में, उन पर फिर से परमेश्‍वर का अनुग्रह हुआ और उनका उपासना का तरीका शुद्ध किया गया। इस शुद्धिकरण का उनकी शिक्षाओं, उनके संगठन और उनके काम पर गहरा असर पड़ा। परमेश्‍वर के इस्राएल ने अपनी “भूमि” यानी आध्यात्मिक प्रदेश या कार्यक्षेत्र में कदम रखा।—यशायाह 66:7,8,20-22.

  • “एक नया नाम”
    यशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग II
    • [पेज 339 पर तसवीर]

      यहोवा स्वर्गीय सिय्योन को एक नए नाम से पुकारेगा

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