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  • मुसीबत के वक्‍त यहोवा पर भरोसा रखिए
    यशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग I
    • 5. आज परमेश्‍वर के लोग यशायाह से कैसे मेल खाते हैं?

      5 यहोवा, यशायाह से कहता है: “अपने पुत्र शार्याशूब को लेकर धोबियों के खेत की सड़क से ऊपरली पोखरे की नाली के सिरे पर आहाज़ से भेंट करने के लिये जा।” (यशायाह 7:3) ज़रा सोचिए तो! ऐसे संकट के वक्‍त राजा को मदद माँगने के लिए यहोवा के भविष्यवक्‍ता की खोज करते हुए आना चाहिए, मगर यहाँ तो उल्टे भविष्यवक्‍ता को ही राजा को ढूँढ़ने जाना है! ऐसा होने पर भी, यशायाह तुरंत यहोवा की आज्ञा का पालन करता है। उसी तरह, आज परमेश्‍वर के सेवक ऐसे लोगों को ढूँढ़ने निकलते हैं जो इस दुनिया की तकलीफों की वजह से डरे और सहमे हुए हैं। (मत्ती 24:6,14) कितनी खुशी की बात है कि हर साल लाखों लोग, परमेश्‍वर के राज्य का सुसमाचार प्रचार करनेवालों की बातें सुनकर यहोवा की पनाह में आते हैं!

      6. (क) यशायाह, राजा आहाज की हिम्मत बढ़ाने के लिए उसे कैसा संदेश सुनाता है? (ख) आज के हालात कैसे हैं?

      6 यशायाह, आहाज को यरूशलेम की शहरपनाह के बाहर पाता है, जहाँ वह आनेवाले घेराव की तैयारी में नगर को मिलनेवाले पानी की सप्लाई की जाँच कर रहा है। यशायाह उसे यहोवा का संदेश सुनाता है: “सावधान और शान्त हो; और उन दोनों धूंआं निकलती लुकटियों से अर्थात्‌ रसीन और अरामियों के भड़के हुए कोप से, और रमल्याह के पुत्र से मत डर, और न तेरा मन कच्चा हो।” (यशायाह 7:4) जब इन हमलावरों ने पहले यहूदा को उजाड़ना शुरू किया तब उनका क्रोध आग की धधकती लपटों की तरह था। मगर अब तो वे बस “धूंआं निकलती” लकड़ियाँ ही रह गए हैं। आहाज को अरामी राजा रसीन या रमल्याह के पुत्र और इस्राएली राजा पेकह से खौफ खाने की कोई ज़रूरत नहीं है। आज के हालात भी ऐसे ही हैं। सदियों से, ईसाईजगत के पादरियों ने सच्चे मसीहियों पर कहर ढाया है और उन्हें तरह-तरह से सताया है। लेकिन, अब ईसाईजगत ऐसी लकड़ी की तरह हो गया है जो करीब-करीब जल चुकी है। उसके दिन पूरे होनेवाले हैं।

      7. यशायाह और उसके बेटे के नाम से क्यों उम्मीद बँधती है?

      7 आहाज के दिनों में, न सिर्फ यशायाह के संदेश से बल्कि खुद यशायाह और उसके बेटे के नाम के मतलब से भी, यहोवा पर भरोसा रखनेवालों की उम्मीद बँधती है। सच है कि यहूदा को दुश्‍मनों से खतरा है, मगर यशायाह के नाम का मतलब, “यहोवा की ओर से उद्धार” दिखाता है कि यहोवा जल्द ही इन दुश्‍मनों से छुटकारा दिलाएगा। यहोवा, यशायाह से कहता है कि आहाज को संदेश सुनाते वक्‍त वह अपने साथ अपने बेटे शार्याशूब को ले जाए, जिसके नाम का मतलब है, “बचा हुआ भाग लौट आएगा।” बाद में, जब यहूदा देश आखिरकार तबाह होता, तब भी परमेश्‍वर दया दिखाकर कुछ शेष लोगों को वापस उनके वतन लौटा ले आता।

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    यशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग I
    • [पेज 103 पर तसवीर]

      आहाज को यहोवा का संदेश सुनाते वक्‍त, यशायाह अपने साथ शार्याशूब को ले गया

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