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  • यहोवा अपने नाम की महिमा प्रकट करता है
    यशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग II
    • 19, 20. यहूदी किन बातों को याद करते हैं, और क्यों?

      19 मुसीबतों के दौरान कुछ यहूदियों को बीते वक्‍त की याद आती है। यशायाह कहता है: “तब उसकी प्रजा ने प्राचीनकाल अर्थात्‌ मूसा के दिनों को स्मरण किया। वह कहां है जो उनको अपने झुण्ड के चरवाहों के द्वारा समुद्र में से निकाल लाया? जिसने उनके मध्य अपना पवित्र आत्मा डाला, जिसने अपनी महिमामय भुजा को मूसा के दाहिने हाथ कर दिया, जिसने उनके सामने जल को दो भाग करके सदाकाल के लिए नाम कमाया, जिसने समुद्र की गहराइयों में से उनकी अगुवाई की, वह कहां है? जैसे जंगल में घोड़े को, वैसे ही उनको भी ठोकर न लगी। जैसे तराई में उतरने वाले पशु को विश्राम मिलता है, वैसे ही यहोवा के आत्मा ने उनको भी विश्राम दिया।”—यशायाह 63:11-14क, NHT.

      20 जी हाँ, आज्ञा ना मानने का अंजाम भुगतने की वजह से यहूदी उन दिनों के लिए तरसते हैं जब यहोवा उनका शत्रु नहीं बल्कि उनका छुड़ानेवाला था। वे याद करते हैं कि कैसे उनके “चरवाहों,” मूसा और हारून ने उन्हें सही-सलामत लाल समुद्र पार करवाया था। (भजन 77:20; यशायाह 51:10) वे उस वक्‍त को याद करते हैं जब वे परमेश्‍वर की आत्मा को खेदित नहीं करते थे, बल्कि आत्मा से नियुक्‍त किए गए मूसा और दूसरे पुरनियों के ज़रिए वे उसके मार्गदर्शन में चलते थे। (गिनती 11:16,17) उन्हें याद है कि यहोवा ने उनकी खातिर, कैसे मूसा के ज़रिए अपनी “महिमामय भुजा” की शक्‍ति दिखायी थी! और फिर वक्‍त आने पर परमेश्‍वर कैसे उन्हें उस “बड़े और भयानक जंगल” में से निकालकर एक ऐसे देश में ले गया था जहाँ दूध और मधु की धाराएँ बहती थीं और जहाँ उन्हें विश्राम मिला था। (व्यवस्थाविवरण 1:19; यहोशू 5:6; 22:4) लेकिन, अब इस्राएली मुसीबतें झेल रहे हैं, क्योंकि वे परमेश्‍वर के साथ एक अच्छा रिश्‍ता गँवा बैठे हैं!

  • यहोवा अपने नाम की महिमा प्रकट करता है
    यशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग II
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