-
जातियों के खिलाफ यहोवा की युक्तियशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग I
-
-
25. यशायाह 19:1-11 की भविष्यवाणियों की पूर्ति में, प्राचीन मिस्र के साथ क्या-क्या हुआ?
25 यहूदा के दक्षिण में उसका पड़ोसी देश है मिस्र, जो परमेश्वर के चुने हुए लोगों का बहुत पुराना दुश्मन है। यशायाह के 19वें अध्याय में बताया गया है कि यशायाह के जीवनकाल में मिस्र में बहुत उथल-पुथल मची हुई थी। मिस्र में गृह-युद्ध चल रहा था और “एक नगर दूसरे नगर से, एक राज्य दूसरे राज्य से युद्ध” कर रहा था। (यशायाह 19:2,13,14, नयी हिन्दी बाइबिल) इतिहासकार इस बात का सबूत देते हैं कि उस देश के अलग-अलग हिस्सों पर, एक ही वक्त में दो विरोधी राजवंश हुकूमत कर रहे थे। मिस्र को अपने जिस ज्ञान पर बड़ा फख्र था, न तो वह ज्ञान, न ही उसकी ‘मूरतें और ओझा’ उसे “एक कठोर स्वामी के हाथ” से बचा पाए। (यशायाह 19:3,4) मिस्र पर एक-के-बाद-एक अश्शूर, बाबुल, फारस, यूनान और रोम ने धावा बोलकर उसे अपने अधीन कर लिया। ये सारी घटनाएँ यशायाह 19:1-11 की भविष्यवाणियों को पूरा करती हैं।
-
-
जातियों के खिलाफ यहोवा की युक्तियशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग I
-
-
28. न्याय के दिन में, क्या झूठा धर्म इस दुनिया को बचा पाएगा?
28 “मिस्रियों की बुद्धि मारी जाएगी और मैं उनकी युक्तियों को व्यर्थ कर दूंगा; और वे अपनी मूरतों के पास और ओझों और फुसफुसानेवाले टोनहों के पास जा जाकर उन से पूछेंगे।” (यशायाह 19:3) जब मूसा, फिरौन के सामने हाज़िर हुआ, तो मिस्र के पंडितों को मुँह की खानी पड़ी क्योंकि वे यहोवा की ताकत की बराबरी करने के काबिल नहीं थे। (निर्गमन 8:18,19; प्रेरितों 13:8; 2 तीमुथियुस 3:8) उसी तरह, जब न्याय का दिन आएगा तब झूठा धर्म इस भ्रष्ट दुनिया को बचाने के काबिल नहीं होगा। (यशायाह 47:1,11-13 से तुलना कीजिए।) आगे चलकर मिस्र “एक कठोर स्वामी” यानी अश्शूर के अधीन आ गया। (यशायाह 19:4) यह इस बात की भविष्यवाणी है कि इस दुनिया का बुरा वक्त आनेवाला है।
-