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    यशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग I
    • अशदोद के खिलाफ युद्ध

      5. यशायाह के दिनों में अश्‍शूर का ताकतवर राजा कौन था, और बाइबल में उसके बारे में दी गयी जानकारी कैसे सच साबित हुई?

      5 यशायाह के दिनों में, राजा सर्गोन के राज में अश्‍शूर का साम्राज्य उस मुकाम तक पहुँचा जब उसकी ताकत की बराबरी करनेवाला कोई न था।a कई सालों तक, आलोचकों को इस राजा के होने का यकीन नहीं था, क्योंकि तब तक दुनिया के इतिहास में उसका नाम कहीं नहीं था। मगर, कुछ समय बाद पुरातत्वविज्ञानियों ने सर्गोन के महल के खंडहरों को ढूँढ़ निकाला और बाइबल में उसके बारे में जो लिखा था वह सच साबित हुआ।

      6, 7. (क) सर्गोन के अशदोद पर हमला करने की क्या वजह रही होंगी? (ख) अशदोद की हार का पलिश्‍तीन के पड़ोसियों पर कैसा असर हुआ?

      6 यशायाह ने सर्गोन की एक कामयाबी के बारे में कुछ ही शब्दों में यह जानकारी दी: “अश्‍शूर के राजा सर्गोन की आज्ञा से तर्तान ने अशदोद आकर उस से युद्ध किया और उसको ले भी लिया।” (यशायाह 20:1)b मगर सर्गोन पलिश्‍तीन के नगर अशदोद पर हमला करने का आदेश क्यों देता है? पहली वजह यह है कि पलिश्‍तीन, मिस्र का साथी है और अशदोद नगर, जहाँ दागोन देवता का मंदिर भी था, ऐसे रास्ते पर है जो सागर-तट से गुज़रता हुआ मिस्र और इस्राएल देश के इलाके को जोड़ता है। इसलिए रणनीति के हिसाब से इस नगर पर कब्ज़ा करना बहुत ज़रूरी था। अगर इस नगर पर कब्ज़ा कर लिया गया तो मिस्र पर कब्ज़ा करना और भी आसान हो जाता। इसके अलावा, अश्‍शूरियों के लेख दिखाते हैं कि अशदोद का राजा अज़ूरी, अश्‍शूर के खिलाफ साज़िश कर रहा था। इसलिए सर्गोन ने इस बागी राजा को हटा दिया और उसकी जगह उसके छोटे भाई अहीमिती को राजगद्दी पर बिठा दिया। मगर इसके बाद भी समस्या खत्म नहीं हुई। फिर एक बार बगावत फूट पड़ती है और इस बार सर्गोन पहले से ज़्यादा सख्ती से काम लेता है। वह अशदोद पर धावा बोलने का हुक्म देता है, और तब अशदोद को घेरकर उस पर कब्ज़ा कर लिया जाता है। यशायाह 20:1 में शायद इसी घटना का ज़िक्र किया गया है।

      7 अशदोद की शिकस्त से उसके पड़ोसियों पर, खासकर यहूदा पर खतरे के काले बादल मंडराने लगे। यहोवा जानता है कि उसके लोग दक्षिण में मिस्र या कूश जैसी “माँस की बाह” से मदद की उम्मीद रखते हैं। इसलिए, वह यशायाह को अभिनय करके एक गंभीर चेतावनी देने के लिए भेजता है।—2 इतिहास 32:7,8, फुटनोट।

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    यशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग I
    • a इतिहासकार इस राजा को सर्गोन II कहते हैं। इससे पहले एक राजा हो चुका था, जो अश्‍शूर का नहीं बल्कि बाबुल का राजा था और उसे “सर्गोन I” कहा गया है।

      b “तर्तान” किसी आदमी का नाम नहीं, बल्कि अश्‍शूर की सेना के सेनापति की पदवी है। शायद वही, सारे साम्राज्य में दूसरा सबसे शक्‍तिशाली व्यक्‍ति हुआ करता था।

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