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पहरेदार के साथ सेवा करनाप्रहरीदुर्ग—2000 | जनवरी 1
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6. परमेश्वर के पहरुए ने कौन-सी खुशखबर दी और यह कब पूरी हुई?
6 झूठे धर्मों के लिए यह कितनी बड़ी जीत थी! लेकिन यहूदियों पर बाबुल की हुकूमत ज़्यादा दिनों तक टिकनेवाली नहीं थी। यहोवा ने कहा: “जाकर एक पहरुआ खड़ा कर दे, और वह जो कुछ देखे उसे बताए।” इस पहरुए ने क्या देखा और कौन-सी खबर दी? उसने कहा: “गिर पड़ा, बाबुल गिर पड़ा; और उसके देवताओं के सब खुदी हुई मूरतें भूमि पर चकनाचूर कर डाली गई हैं।” (यशायाह 21:6, 9) यह भविष्यवाणी ठीक 200 साल बाद, यानी सा.यु.पू. 539 में पूरी हुई, जब शक्तिशाली बाबुल साम्राज्य गिर गया। इसके कुछ ही समय बाद परमेश्वर की गवाही देनेवाले यहूदी अपने देश लौट आए।
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पहरेदार के साथ सेवा करनाप्रहरीदुर्ग—2000 | जनवरी 1
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13. (क) यहोवा के पहरुए ने कौन-सी खबर दी? (ख) हम क्यों कह सकते हैं कि बड़ा बाबुल गिर चुका है?
13 इस अंत के समय में पहरुए ने क्या देखा? यशायाह के दिन के पहरुए की तरह ही, आज के इस पहरुए ने बताया: “गिर पड़ा, बाबुल गिर पड़ा; और उसके देवताओं के सब खुदी हुई मूरतें भूमि पर चकनाचूर कर डाली गई हैं।” (यशायाह 21:9) इस बार पहरुआ जिस बाबुल के गिरने की खबर दे रहा है वह बड़ा बाबुल या दुनिया के सभी झूठे धर्म हैं। इन धर्मों की लोगों पर से पकड़ ढीली होती जा रही है और अब जल्द ही इन सभी का नाश होगा। यह खबर वह प्रथम विश्व-युद्ध के बाद से देता आया है। (यिर्मयाह 50:1-3; प्रकाशितवाक्य 14:8) बड़े बाबुल का सबसे बड़ा भाग है, झूठा मसीही धर्म यानी ईसाईजगत। और इसमें ताज्जुब की बात भी नहीं, क्योंकि 1914 के ‘महायुद्ध’ की शुरुआत ईसाईजगत के देशों ने ही की थी और लड़ाई में दोनों तरफ ईसाईजगत के ही देश थे। दोनों तरफ के पादरियों ने, होनहार जवानों को युद्ध में जाने के लिए उकसाकर एक बहुत ही घिनौना काम किया। लेकिन प्रथम विश्व-युद्ध के बाद से बड़े बाबुल के गिरने के लक्षण दिखाई देने लगे। हम यह कैसे कह सकते हैं? जैसे सा.यु.पू. छठी सदी में बाबुल गिर पड़ा और उसके बाद इस्राएलियों को गुलामी से रिहा किया गया, उसी तरह 1919 में बाइबल के विद्यार्थी बड़े बाबुल यानी झूठे धर्मों से बाहर निकलने लगे, जिससे ज़ाहिर हुआ कि बड़ा बाबुल गिर पड़ा है। हालाँकि तब बाइबल विद्यार्थियों का काम कुछ समय के लिए ठंडा पड़ा गया था, मगर 1919 के बाद से वे पूरी सरगर्मी और जोश के साथ गवाही देने के काम में फिर से लग गए। और यह काम दुनिया भर में बड़े पैमाने पर शुरू किया गया। इन बाइबल विद्यार्थियों को अब यहोवा के साक्षी कहा जाता है और वे आज भी दुनिया भर में परमेश्वर के मकसद की गवाही देने का काम कर रहे हैं।—मत्ती 24:14.
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