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विश्वासघात करनेवालों के लिए सबकयशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग I
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10. क्या होने पर यरूशलेम पर भारी संकट आ पड़ेगा?
10 आगे क्या होता है, यशायाह इसके बारे में बताता है: “तेरी उत्तम उत्तम तराइयां रथों से भरी हुई होंगी और सवार फाटक के साम्हने पांति बान्धेंगे। उस ने यहूदा का घूंघट खोल दिया है।” (यशायाह 22:7) यरूशलेम नगर के बाहर का मैदान रथों और घुड़सवारों से भरा हुआ है। वे नगर के फाटकों पर हमला करने के लिए मोर्चा बाँध रहे हैं। “यहूदा का घूंघट” क्या है जिसे खोल दिया जाएगा? शायद यह नगर का फाटक है, और अगर दुश्मन ने इस पर काबू पा लिया तो नगर का बचाव करनेवालों पर भारी संकट आ पड़ेगा।c जब यरूशलेम का बचाव करनेवाला यह घूंघट हटा दिया जाएगा तब हमलावर बड़ी आसानी से नगर में घुस जाएँगे।
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विश्वासघात करनेवालों के लिए सबकयशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग I
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11, 12. यरूशलेम के निवासी बचाव के लिए क्या-क्या कदम उठाते हैं?
11 यशायाह अब बताता है कि लोग अपना बचाव करने के लिए क्या-क्या कोशिश कर रहे हैं। सबसे पहले उनके मन में क्या आता है? हाँ, हथियार! “उस दिन तू ने वन नाम भवन के अस्त्र-शस्त्र का स्मरण किया, और तू ने दाऊदपुर की शहरपनाह की दरारों को देखा कि वे बहुत हैं, और तू ने निचले पोखरे के जल को इकट्ठा किया।” (यशायाह 22:8,9) वन नाम भवन के शस्त्रों के भण्डार में हथियार जमा किए जाते हैं। हथियार जमा करने की इस जगह को सुलैमान ने बनवाया था। यह भवन लबानोन के जंगलों की देवदार की लकड़ी से बनाया गया था, इसलिए यह “लबानोनी वन नाम महल” कहलाने लगा। (1 राजा 7:2-5) नगर के लोग शहरपनाहों में दरारों की जाँच करते हैं। पानी इकट्ठा करने का काम किया जाता है, जो किसी भी लड़ाई में बहुत ज़रूरी कदम है, क्योंकि लोगों को ज़िंदा रहने के लिए पानी तो चाहिए ही। इसके अलावा, पानी के बिना एक नगर ज़्यादा दिन तक दुश्मनों के आगे नहीं टिक सकता। मगर, ज़रा ध्यान दीजिए कि यहाँ एक बार भी यह ज़िक्र नहीं मिलता कि उन्होंने मदद के लिए यहोवा को पुकारा हो। इसके बजाय, वे अपने ही साधनों पर भरोसा करते हैं। काश कि हम ऐसी गलती कभी न करें!—भजन 127:1.
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विश्वासघात करनेवालों के लिए सबकयशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग I
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c या फिर, “यहूदा का घूंघट” कुछ और हो सकता है, जिससे नगर की हिफाज़त होती है। जैसे वे किले जहाँ हथियार रखे जाते थे और जहाँ सैनिक रहा करते थे।
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