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यहोवा सोर का घमंड मिट्टी में मिला देता हैयशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग I
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“तर्शीश के जहाज़ो हाय, हाय, करो”
3, 4. (क) तर्शीश कहाँ था, और सोर और तर्शीश के बीच क्या संबंध था? (ख) तर्शीश से व्यापार करनेवाले नाविक, “हाय, हाय” क्यों करेंगे?
3 “सोर के विषय भारी वचन,” यह परिचय देने के बाद यशायाह ऐलान करता है: “हे तर्शीश के जहाज़ो हाय, हाय, करो; क्योंकि वह उजड़ गया; वहां न तो कोई घर और न कोई शरण का स्थान [“बन्दरगाह,” NHT] है!” (यशायाह 23:1क) माना जाता है कि एक वक्त तर्शीश स्पेन का हिस्सा था और यह भूमध्य सागर के पूर्वी इलाके के सोर से बहुत दूर था।a फीनीके के लोग बहुत ही कुशल नाविक थे और उनके समुद्री जहाज़ बहुत बड़े और मज़बूत हुआ करते थे। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि फीनीके के लोगों ने ही सबसे पहले यह पता लगाया था कि चंद्रमा और ज्वारभाटे के बीच क्या नाता है और उन्होंने ही तारों को देखकर सागर के बीचों-बीच दिशा जानने की शुरूआत की थी। इसलिए सोर से तर्शीश तक का लंबा सफर तय करना, उनके लिए कोई मुश्किल काम नहीं था।
4 यशायाह के दिनों में, सोर अपना माल तर्शीश में ले जाकर उसका व्यापार करता है और लंबे अरसे तक, तर्शीश के साथ व्यापार करने से सोर ने बहुत सारी दौलत कमायी है। स्पेन (प्राचीनकाल के तर्शीश की जगह) में चाँदी, लोहे, टिन और दूसरी धातुओं की खानें हैं जिनमें से बड़ी मात्रा में धातुएँ निकाली जाती हैं। (यिर्मयाह 10:9; यहेजकेल 27:12 से तुलना कीजिए।) इसलिए, ‘तर्शीश के जहाज़’ शायद सोर के ही जहाज़ हैं जो तर्शीश में व्यापार के लिए आते हैं। वे “हाय, हाय” करेंगे क्योंकि उनके अपने देश, सोर के बन्दरगाह को नाश कर दिया गया है।
5. तर्शीश से आनेवाले नाविकों को सोर के विनाश की खबर कहाँ मिलती है?
5 मगर समुद्र के सफर के बीच इन नाविकों को सोर की बरबादी की खबर कैसे मिलेगी? यशायाह जवाब देता है: “यह बात उनको कित्तियों के देश में से प्रगट की गई है।” (यशायाह 23:1ख) ‘कित्तियों का देश’ शायद साइप्रस द्वीप है, जो फीनीके के तट से करीब 100 किलोमीटर दूर पश्चिम में है। तर्शीश से पूर्व में सोर की तरफ जानेवाले समुद्री जहाज़ों का आखिरी पड़ाव यही द्वीप है और इसके बाद वे सोर पहुँचते हैं। इसलिए, जब नाविक साइप्रस द्वीप पर आते हैं तो वे अपने प्यारे देश के बंदरगाह की तबाही का समाचार सुनते हैं। यह सुनकर उन्हें कैसा भारी सदमा पहुँचता है! वे व्याकुल होकर, दुःख के मारे “हाय, हाय” करने लगते हैं।
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यहोवा सोर का घमंड मिट्टी में मिला देता हैयशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग I
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a कुछ विद्वानों ने कहा है कि तर्शीश वहाँ था जहाँ आज का सारडिन्या द्वीप है, जो पश्चिमी भूमध्य सागर में है। अगर इन विद्वानों की बात सच है, तब भी सारडिन्या, सोर से बहुत दूर था।
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