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यशायाह, यहोवा के ‘अनोखे काम’ की भविष्यवाणी करता हैयशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग I
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8. यशायाह का संदेश सुनकर अगुवे क्या करते हैं?
8 जब यहूदा के अगुवों को यहोवा की चेतावनी सुनायी जाती है, तो वे क्या करते हैं? वे यशायाह का ठट्ठा उड़ाते हुए उस पर इलज़ाम लगाते हैं कि वह उनसे ऐसे बात करता है मानो वे कोई दूध पीते बच्चे हों: “वह किसको ज्ञान सिखाएगा, और किसको अपने समाचार का अर्थ समझाएगा? क्या उनको जो दूध छुड़ाए हुए और स्तन से अलगाए हुए हैं? क्योंकि आज्ञा पर आज्ञा, आज्ञा पर आज्ञा, नियम पर नियम, नियम पर नियम, थोड़ा यहां, थोड़ा वहां।” (यशायाह 28:9,10) यशायाह की बातें उन्हें बड़ी अजीब और रटी-रटायी सी लगती हैं! वह बार-बार एक ही बात कहता है: ‘यहोवा ने यह आज्ञा दी है! यहोवा ने यह आज्ञा दी है! यहोवा का नियम यह है! यहोवा का नियम यह है!’a लेकिन जल्द ही यहोवा, यहूदा के लोगों पर कार्यवाही करके उनसे “बोलेगा।” (NHT) वह उनके खिलाफ विदेशी बाबुल की सेना भेजेगा, जो वाकई बिलकुल अलग भाषा बोलते हैं। यह सेना निश्चय ही यहोवा की “आज्ञा पर आज्ञा” पूरी करेगी और यहूदा का विनाश होकर ही रहेगा।—यशायाह 28:11-13 पढ़िए।
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यशायाह, यहोवा के ‘अनोखे काम’ की भविष्यवाणी करता हैयशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग I
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a मूल इब्रानी भाषा में, यशायाह 28:10 एक कविता है जिसके बोल बार-बार दोहराए गए हैं। यह सुनने में नर्सरी के बच्चों की कविता जैसी लगती है। इसलिए, धर्मगुरुओं को यशायाह का संदेश रटा-रटाया और बचकाना सा लगता था।
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