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यहोवा का भय मानने में हर्षित होना सीखनाप्रहरीदुर्ग—1995 | मार्च 15
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१४, १५. (क) बाबुल की दासता से छुड़ाकर इस्राएल की पुनःस्थापना को पूर्वबताते वक़्त, यहोवा ने अपने लोगों को क्या देने की प्रतिज्ञा की? (ख) अपने लोगों के हृदय में परमेश्वर का भय बिठाने के उद्देश्य से यहोवा ने क्या किया? (ग) इस्राएल परमेश्वर के मार्गों से अलग क्यों हो गया?
१४ यहोवा ने प्रतिज्ञा की कि वह अपने लोगों को ऐसा परमेश्वर का भय माननेवाला हृदय देगा। उसने इस्राएल की पुनःस्थापना को पूर्वबताया और कहा, जैसे कि हम यिर्मयाह ३२: ३७-३९ में पढ़ते हैं: “मैं उनको . . . लौटा ले आकर इसी नगर में इकट्ठे करूंगा, और निडर करके बसा दूंगा। और वे मेरी प्रजा ठहरेंगे, और मैं उनका परमेश्वर ठहरूंगा। मैं उनको एक ही मन और एक ही चाल कर दूंगा कि वे सदा मेरा भय मानते रहें, जिस से उनका और उनके बाद उनके वंश का भी भला हो।” आयत ४० में, परमेश्वर की प्रतिज्ञा को दृढ़ किया गया है: “अपना भय मैं उनके मन से ऐसा उपजाऊंगा कि वे कभी मुझ से अलग होना न चाहेंगे।” सामान्य युग पूर्व ५३७ में, जैसे यहोवा ने प्रतिज्ञा की थी वह उन्हें वापस यरूशलेम ले आया। लेकिन उस प्रतिज्ञा के बाक़ी के भाग के बारे में क्या—कि वह ‘उनको एक ही मन कर देगा कि वे सदा उसका भय मानते रहें’? यहोवा द्वारा बाबुल से वापस लाए जाने के बाद प्राचीन इस्राएल जाति उससे अलग क्यों हो गयी जिसके परिणामस्वरूप सा.यु. ७० में उनका मंदिर नाश किया गया और फिर कभी उसका पुनःनिर्माण नहीं हुआ?
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यहोवा का भय मानने में हर्षित होना सीखनाप्रहरीदुर्ग—1995 | मार्च 15
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१६. यहोवा ने किसके हृदय में ईश्वरीय भय बिठाया है?
१६ फिर भी, अपने लोगों के हृदय में ईश्वरीय भय डालने की यहोवा की प्रतिज्ञा विफल नहीं रही। उसने आत्मिक इस्राएल के साथ एक नयी वाचा बाँधी, ये वे मसीही हैं जिनको उसने स्वर्गीय आशा प्रस्तुत की। (यिर्मयाह ३१:३३; गलतियों ६:१६) वर्ष १९१९ में, परमेश्वर ने उन्हें बड़े बाबुल, झूठे धर्म के विश्व साम्राज्य के दासत्व से छुड़ाकर पुनःस्थापित किया। उनके हृदय में उसने अपना भय दृढ़तापूर्वक बिठाया है। इससे उनको और “बड़ी भीड़” को प्रचुर लाभ प्राप्त हुए हैं, जिन्हें राज्य की पार्थिव प्रजा के तौर पर जीवन की आशा है। (यिर्मयाह ३२:३९; प्रकाशितवाक्य ७: ९) यहोवा का भय उनके हृदयों में भी उत्पन्न हुआ है।
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