वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • आपने पूछा
    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन)—2016 | जून
    • ईसा पूर्व 607 में यरूशलेम का विनाश होने से पहले वहाँ बुरे-बुरे काम हो रहे थे। यहेजकेल ने दर्शन में यह सब देखा। इसके बाद उसने वे बातें देखीं जिनका मतलब था, यरूशलेम का विनाश। उसने छः आदमियों को देखा जिनके पास घात करनेवाले हथियार थे। उनके साथ उसने एक और आदमी को देखा जो “सन का वस्त्र” पहने था और जिसके पास “लिखने की दवात” थी। (यहे. 8:6-12; 9:2, 3) इस आदमी से कहा गया कि “नगर के भीतर इधर उधर जाकर जितने मनुष्य उन सब घृणित कामों के कारण जो उसमें किए जाते हैं, साँसें भरते और दु:ख के मारे चिल्लाते हैं, उनके माथों पर चिन्ह लगा दे।” फिर जिन आदमियों के पास घात करनेवाले हथियार थे, उनसे कहा गया कि वे शहर में उन सभी को मार डालें जिन पर चिन्ह नहीं लगा है। (यहे. 9:4-7) इस दर्शन से हम क्या सीखते हैं और जिस आदमी के पास दवात है, वह किसे दर्शाता है?

      यह एक भविष्यवाणी थी जो ईसा पूर्व 612 में सुनायी गयी थी। इसकी पहली पूर्ति पाँच साल बाद, उस वक्‍त हुई जब बैबिलोन की सेना ने यरूशलेम का नाश किया। वे असल में यहोवा की तरफ से ऐसा कर रहे थे। उनके ज़रिए यहोवा ने अपने उन लोगों को सज़ा दी, जो उसकी आज्ञा नहीं मान रहे थे। (यिर्म. 25:9, 15-18) लेकिन उन नेक यहूदियों का क्या हुआ, जो शहर में हो रहे घिनौने कामों का साथ नहीं दे रहे थे? उन्हें बचाने का यहोवा ने प्यार-भरा इंतज़ाम किया।

      यहेजकेल न तो चिन्ह लगाने के काम में शामिल था और न ही विनाश करने में। इसके बजाय यह विनाश स्वर्गदूतों के निर्देशन में होना था। इसका मतलब इस भविष्यवाणी के ज़रिए हमें वे बातें देखने का मौका मिला जो स्वर्ग में होनेवाली थीं। यहोवा ने स्वर्गदूतों को आदेश दिया कि वे न सिर्फ संगठित होकर दुष्टों का नाश करें, बल्कि नेक लोगों को बचाएँ।a

  • आपने पूछा
    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन)—2016 | जून
    • बीते समय में हमने समझाया है कि इस दर्शन में बताया गया वह आदमी जिसके पास दवात है, आज बचे हुए अभिषिक्‍त मसीहियों को दर्शाता है। हम सोचते थे कि जो संदेश सुनाया जा रहा है, उसे जो लोग कबूल करते हैं, उन पर बचाव के लिए चिन्ह लग गया है। मगर पिछले कुछ सालों में यह साफ पता चला है कि हमारी इस समझ में फेरबदल होना चाहिए। मत्ती 25:31-33 के मुताबिक लोगों का न्याय करने का काम यीशु करता है। और वह लोगों का आखिरी न्याय महा-संकट के दौरान करेगा। उस वक्‍त वह भेड़ समान लोगों को एक तरफ करेगा, जो ज़िंदा बचेंगे और बकरी समान लोगों को एक तरफ, जो नाश किए जाएँगे।

  • आपने पूछा
    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन)—2016 | जून
      1. यहेजकेल के दिनों में, किसी के भी माथे पर सचमुच का चिन्ह नहीं लगाया गया था। और आज भी ऐसा ही है। तो महा-संकट से बचने के लिए लोगों को क्या करना होगा? जो संदेश सुनाया जा रहा है, वह उन्हें कबूल करना होगा, मसीही शख्सियत पहननी होगी, यहोवा को अपनी ज़िंदगी समर्पित करनी होगी और खुशखबरी का ऐलान करके मसीह के भाइयों का वफादारी से साथ देना होगा। (मत्ती 25:35-40) ऐसा करने से उन पर महा-संकट के दौरान चिन्ह लगाया जाएगा, यानी उन्हें बचाव के लिए चुना जाएगा।

      2. जिस आदमी के पास दवात थी, वह आज के दिनों में यीशु मसीह को दर्शाता है। वह महा-संकट के दौरान बड़ी भीड़ के लोगों पर चिन्ह लगाएगा, जब उनका न्याय किया जाएगा और उन्हें भेड़ समान लोगों में गिना जाएगा। उन्हें इसी धरती पर हमेशा जीने का मौका मिलेगा।—मत्ती 25:34, 46.b

  • आपने पूछा
    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन)—2016 | जून
    • a बारूक (यिर्मयाह का सहायक), कूशी एबेदमेलेक और रेकाबियों और इनके जैसे दूसरे लोगों के माथे पर सचमुच का कोई चिन्ह नहीं लगा था, फिर भी वे बचाए गए। (यिर्म. 35:1-19; 39:15-18; 45:1-5) उन पर लगे लाक्षणिक चिन्ह का मतलब था कि वे बचाए जाएँगे।

  • आपने पूछा
    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन)—2016 | जून
    • b वफादार अभिषिक्‍त मसीहियों को बचने के लिए इस चिन्ह की ज़रूरत नहीं है। इसके बजाय, उन पर आखिरी मुहर लगायी जाएगी। यह या तो उनकी मौत से पहले या महा-संकट की शुरूआत से पहले लगायी जाएगी।—प्रका. 7:1, 3.

हिंदी साहित्य (1972-2025)
लॉग-आउट
लॉग-इन
  • हिंदी
  • दूसरों को भेजें
  • पसंदीदा सेटिंग्स
  • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
  • इस्तेमाल की शर्तें
  • गोपनीयता नीति
  • गोपनीयता सेटिंग्स
  • JW.ORG
  • लॉग-इन
दूसरों को भेजें