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‘उनके माथे पर एक निशान लगा’सारी धरती पर यहोवा की शुद्ध उपासना बहाल!
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7, 8. (क) छ: आदमियों को सबसे पहले किसका नाश करना था? (ख) दर्शन के आखिर में क्या हुआ?
7 जिन छ: आदमियों के हाथ में चूर-चूर करनेवाले हथियार थे, उन्हें लोगों का नाश कैसे करना था? यहेजकेल ने सुना कि यहोवा उन आदमियों को आदेश देता है कि वे कलम-दवात लिए आदमी के पीछे-पीछे जाएँ और उन सबको मार डालें जिनके माथे पर निशान नहीं है। यहोवा इन आदमियों से कहता है, “तुम यह काम मेरे पवित्र-स्थान से शुरू करना।” (यहे. 9:6) उन्हें यह काम पवित्र-स्थान से यानी मंदिर से शुरू करना था जो यरूशलेम की सबसे खास जगह थी। वह मंदिर अब यहोवा की नज़र में पवित्र नहीं रहा। उन्हें सबसे पहले इसराएल के 70 “मुखियाओं” का नाश करना था जो “भवन के सामने मौजूद” थे और झूठे देवताओं के लिए धूप जला रहे थे।—यहे. 8:11, 12; 9:6.
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‘उनके माथे पर एक निशान लगा’सारी धरती पर यहोवा की शुद्ध उपासना बहाल!
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9, 10. (क) यरूशलेम के नाश से बचनेवाले कुछ वफादार लोग कौन थे? (ख) वे कैसे लोग थे?
9 दूसरा इतिहास 36:17-20 पढ़िए। यहेजकेल की भविष्यवाणी ईसा पूर्व 607 में पूरी हुई जब बैबिलोन की सेना ने यरूशलेम और उसके मंदिर का नाश कर दिया। बैबिलोन ‘यहोवा के हाथ में प्याला’ था, जिसे यहोवा ने यरूशलेम के विश्वासघाती लोगों पर उँडेल दिया और उन्हें सज़ा दी। (यिर्म. 51:7) क्या उस वक्त अंधाधुंध सबको खत्म कर दिया गया? जी नहीं। दर्शन में बताया गया था कि कुछ लोगों को बचाया जाएगा।—उत्प. 18:22-33; 2 पत. 2:9.
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