वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • ‘मैं एक चरवाहे को ठहराऊँगा’
    सारी धरती पर यहोवा की शुद्ध उपासना बहाल!
    • 5. चंद शब्दों में बताइए कि वह पहेली क्या है।

      5 यहेजकेल 17:3-10 पढ़िए। चंद शब्दों में कहें तो पहेली यह है: एक ‘बड़ा उकाब’ एक देवदार के पेड़ की चोटी से “सबसे ऊपरवाली फुनगी” तोड़ता है और उसे “सौदागरों के शहर में” लगाता है। फिर वह उकाब “देश का कुछ बीज” लेता है और उसे एक उपजाऊ खेत में बो देता है जहाँ “भरपूर पानी” है। बीज अच्छी तरह बढ़ता है और “अंगूर की एक बेल” बन जाता है। इसके बाद एक और “बड़ा-सा उकाब” आता है। बेल की जड़ें “बड़ी उम्मीद से” उसकी तरफ फैलती हैं, क्योंकि जड़ें चाहती हैं कि उन्हें किसी और जगह लगाया जाए जहाँ भरपूर पानी हो। मगर यहोवा अंगूर की बेल के इस काम की निंदा करता है और उसे जताता है कि उसकी जड़ें उखाड़ दी जाएँगी और बेल ‘पूरी तरह सूख जाएगी।’

      यहेजकेल की भविष्यवाणी का पहला बड़ा उकाब और उसके पंजों में देवदार की एक फुनगी है

      पहला बड़ा उकाब बैबिलोन के राजा नबूकदनेस्सर को दर्शाता है (पैराग्राफ 6 देखें)

      6. पहेली का मतलब समझाइए।

      6 इस पहेली का क्या मतलब है? (यहेजकेल 17:11-15 पढ़िए।) ईसा पूर्व 617 में पहले ‘बड़े उकाब’ यानी बैबिलोन के राजा नबूकदनेस्सर ने यरूशलेम की घेराबंदी की। उसने सबसे ऊपरवाली फुनगी यानी यहूदा के राजा यहोयाकीन को राजगद्दी से उतारा और उसे “सौदागरों के शहर” बैबिलोन ले गया। नबूकदनेस्सर ने उसकी जगह ‘देश के बीज’ में से राजवंश के सिदकियाह को यरूशलेम में राजा बनाया। यहूदा के नए राजा सिदकियाह को यहोवा के नाम से शपथ धरायी गयी कि वह बैबिलोन के अधीन रहकर राज करेगा। (2 इति. 36:13) लेकिन उसने यह शपथ तोड़ दी और बैबिलोन से बगावत कर बैठा। उसने दूसरे ‘बड़े उकाब’ यानी मिस्र के फिरौन की सेना की मदद ली। लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। यहोवा ने सिदकियाह के इस काम को गलत ठहराया क्योंकि उसने शपथ तोड़कर विश्‍वासघात किया था। (यहे. 17:16-21) आखिर में उसे राजगद्दी से उतार दिया गया और वह बैबिलोन के कैदखाने में ही मर गया।—यिर्म. 52:6-11.

  • मसीहा के बारे में भविष्यवाणी—विशाल देवदार
    सारी धरती पर यहोवा की शुद्ध उपासना बहाल!
      • मिस्र, जिसे यहेजकेल की भविष्यवाणी में दूसरा बड़ा उकाब बताया गया है

        3. सिदकियाह ने यहोवा से बगावत की और मिस्री सेना की मदद ली

हिंदी साहित्य (1972-2025)
लॉग-आउट
लॉग-इन
  • हिंदी
  • दूसरों को भेजें
  • पसंदीदा सेटिंग्स
  • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
  • इस्तेमाल की शर्तें
  • गोपनीयता नीति
  • गोपनीयता सेटिंग्स
  • JW.ORG
  • लॉग-इन
दूसरों को भेजें