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  • “तुम ज़िंदा हो जाओगी”
    सारी धरती पर यहोवा की शुद्ध उपासना बहाल!
    • ‘हड्डियाँ एक-दूसरे से जुड़ने लगीं’

      यहेजकेल सूखी हड्डियों से भरी घाटी देख रहा है

      हड्डियाँ “एकदम सूखी” हुई थीं। वे इस बात को दर्शाती हैं कि अभिषिक्‍त जन लंबे समय तक बँधुआई में बेजान हालत में रहते (पैराग्राफ 8, 9 देखें)

      10. (क) यहेजकेल 37:7, 8 में परमेश्‍वर के लोगों के बारे में क्या भविष्यवाणी की गयी थी? (ख) यहूदियों का विश्‍वास किन कारणों से बढ़ा होगा?

      10 पुराने ज़माने में जब यहोवा के लोग बेजान हालत में थे, तो यहोवा ने उन्हें बताया कि उनमें धीरे-धीरे जान आ जाएगी। (यहे. 37:7, 8) परमेश्‍वर का डर माननेवाले यहूदियों को धीरे-धीरे इस बात पर विश्‍वास हुआ कि एक दिन वे ज़रूर अपने देश लौटेंगे। वह कैसे? एक तो उन्हें यहेजकेल से पहले के भविष्यवक्‍ताओं की बातों से आशा मिली होगी। जैसे, यशायाह ने भविष्यवाणी की थी कि “पवित्र वंश” यानी कुछ बचे हुए यहूदी अपने देश लौटेंगे। (यशा. 6:13; अय्यू. 14:7-9) फिर यहेजकेल की भविष्यवाणियों से उनका विश्‍वास बढ़ गया होगा जिसने बहाली के बारे में कई भविष्यवाणियाँ की थीं। इसके अलावा, बैबिलोन में भविष्यवक्‍ता दानियेल जैसे वफादार लोग भी थे जिनकी वजह से उनकी आशा बरकरार रही होगी। और फिर जब उन्होंने ईसा पूर्व 539 में खुद अपनी आँखों से बैबिलोन शहर का अचानक पतन देखा, तो उन्हें पूरा यकीन हो गया होगा कि वे ज़रूर अपने देश लौटेंगे।

  • शुद्ध उपासना—धीरे-धीरे बहाल हुई
    सारी धरती पर यहोवा की शुद्ध उपासना बहाल!
      • भाई रसल और उनके साथी

        ‘नसें और माँस’

        भाई रसल और उनके साथियों ने बाइबल की सच्चाइयाँ समझीं

  • “तुम ज़िंदा हो जाओगी”
    सारी धरती पर यहोवा की शुद्ध उपासना बहाल!
    • 12 बाद में भाई चार्ल्स टी. रसल और उनके साथियों ने बड़े जोश से बाइबल की सच्चाइयों की दोबारा खोज करनी शुरू की। यह ऐसा था मानो हड्डियों पर ‘नसें लगने लगीं और माँस भरने लगा।’ वे प्रहरीदुर्ग  और कुछ प्रकाशन निकालने लगे जिससे नेकदिल लोग धीरे-धीरे सच्चाई समझने लगे। तब वे भी परमेश्‍वर के अभिषिक्‍त लोगों के साथ जुड़ गए। बीसवीं सदी की शुरूआत में अँग्रेज़ी में समाप्त रहस्य  नाम की किताब, “सृष्टि का चलचित्र” और इस तरह के कुछ और प्रकाशन निकाले गए जिससे अभिषिक्‍त जनों का जोश और बढ़ गया। कुछ समय बाद परमेश्‍वर ने अपने लोगों को “अपने पैरों पर उठ खड़े” होने के काबिल बनाया। (यहे. 37:10) यह कब और कैसे हुआ? इसका जवाब जानने के लिए आइए पहले प्राचीन बैबिलोन में हुई घटनाओं पर गौर करें।

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