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‘मैं उन सबसे एक राष्ट्र बनाऊँगा’सारी धरती पर यहोवा की शुद्ध उपासना बहाल!
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5. यहोवा ने यहेजकेल के अभिनय का क्या मतलब समझाया? (यह बक्स देखें: “दो छड़ियों को जोड़ दिया गया।”)
5 इसके बाद यहोवा उन दो छड़ियों को एक करने का मतलब समझाता है। (यहेजकेल 37:21, 22 पढ़िए।) वह बताता है कि दो गोत्रोंवाले यहूदा राज्य के लोगों को और दस गोत्रोंवाले इसराएल (या एप्रैम) राज्य के लोगों को बँधुआई से इसराएल वापस लाया जाएगा। वहाँ वे मिलकर “एक राष्ट्र” बन जाएँगे।—यिर्म. 30:1-3; 31:2-9; 33:7.
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‘मैं उन सबसे एक राष्ट्र बनाऊँगा’सारी धरती पर यहोवा की शुद्ध उपासना बहाल!
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7. पहला इतिहास 9:2, 3 कैसे पुख्ता करता है कि “परमेश्वर के लिए सबकुछ मुमकिन है”?
7 इंसानी नज़रिए से देखें तो यहूदियों को बँधुआई से छुड़ाना और उन्हें एक करना नामुमकिन था।a लेकिन “परमेश्वर के लिए सबकुछ मुमकिन है।” (मत्ती 19:26) यहोवा ने अपनी भविष्यवाणी पूरी की। ईसा पूर्व 537 में यहूदियों को बैबिलोन की बँधुआई से छुटकारा मिल गया। इसके बाद दोनों राज्यों के कुछ लोग यरूशलेम आए ताकि शुद्ध उपासना बहाल करने में मदद करें। परमेश्वर का वचन इस बात को पुख्ता करता है, क्योंकि इसमें लिखा है, ‘यहूदा, बिन्यामीन, एप्रैम और मनश्शे के कुछ वंशज यरूशलेम में बस गए।’ (1 इति. 9:2, 3; एज्रा 6:17) वाकई, यहोवा ने जैसा कहा था वैसा ही हुआ। दस गोत्रोंवाले इसराएल राज्य के कुछ लोग दो गोत्रोंवाले यहूदा राज्य के लोगों के साथ मिलकर एक हो गए।
8. (क) यशायाह ने क्या भविष्यवाणी की थी? (ख) यहेजकेल 37:21 में कौन-सी दो खास बातें बतायी गयी हैं?
8 कुछ 200 साल पहले यशायाह ने भी भविष्यवाणी की थी कि बँधुआई से छूटने के बाद इसराएल और यहूदा मिलकर एक राष्ट्र बन जाएँगे। उसने बताया कि यहोवा “इसराएल के बिखरे हुए लोगों को” और “धरती के चारों कोनों में तितर-बितर हुए यहूदा के लोगों को” इकट्ठा करेगा। “अश्शूर” में बिखरे हुए लोगों को भी वह वापस लाएगा। (यशा. 11:12, 13, 16) वाकई ऐसा ही हुआ। जैसे यहोवा ने कहा था, वह ‘इसराएलियों को उन राष्ट्रों से निकाल लाया।’ (यहे. 37:21) यहाँ दो खास बातों पर गौर कीजिए। एक तो यह कि यहोवा उन्हें वापस लाने की बात करते वक्त उन्हें “यहूदा” और “एप्रैम” नहीं कहता बल्कि एक ही समूह के तौर पर ‘इसराएली’ कहता है। दूसरी बात, इसराएली सिर्फ बैबिलोन से नहीं बल्कि कई राष्ट्रों से वापस आएँगे। दरअसल वे धरती के “चारों कोनों से” आएँगे।
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