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  • परमेश्‍वर के मंदिर ‘पर ध्यान दे!’
    प्रहरीदुर्ग—1999 | मार्च 1
    • ७. लेवियों और याजकों के बारे में क्या कहा गया था?

      ७ मंदिर के याजकवर्ग को भी शुद्ध या पवित्र किया जाना था। लेवी मूरतों की पूजा करने में फँस गए थे इसलिए उनकी कड़ी निंदा की गई। मगर सादोक के याजक पुत्रों की तारीफ की गई क्योंकि उन्होंने अपने आप को शुद्ध रखा था और उन्हें इसका इनाम ज़रूर मिलना था।a फिर भी इन दोनों ही समूहों को परमेश्‍वर के फिर से बनाए गए भवन में सेवा करने की ज़िम्मेदारी सौंपी जाएगी। बेशक यह ज़िम्मेदारी सिर्फ इन समूहों के उन्हीं लोगों को सौंपी जाएगी जो परमेश्‍वर के वफादार बने रहेंगे। इसके अलावा, यहोवा ने यह आदेश दिया: “वे मेरी प्रजा को पवित्र अपवित्र का भेद सिखाया करें, और शुद्ध अशुद्ध का अन्तर बताया करें।” (यहेजकेल ४४:१०-१६, २३) तो फिर इसका मतलब है कि परमेश्‍वर के मंदिर में याजकों का काम फिर से शुरू किया जाएगा और जो याजक वफादारी से अपने काम में लगे रहेंगे उन्हें इनाम ज़रूर मिलेगा।

  • परमेश्‍वर के मंदिर ‘पर ध्यान दे!’
    प्रहरीदुर्ग—1999 | मार्च 1
    • a यह बात यहेजकेल के दिल को शायद छू गयी होगी, क्योंकि कहा जाता है कि वह भी सादोक के याजक परिवार का था।

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