-
“शहर का नाम होगा, ‘यहोवा वहाँ है’”सारी धरती पर यहोवा की शुद्ध उपासना बहाल!
-
-
4. यहोवा को दी गयी भेंट के बारे में जानकर हमें क्या सीख मिलती है?
4 यहोवा को दी गयी इस भेंट के बारे में जानकर हमें क्या सीख मिलती है? ध्यान दीजिए, यहोवा ने बताया था कि सबसे पहले देश की ज़मीन का एक टुकड़ा खास भेंट के लिए अलग रखा जाए और इसके बाद बाकी ज़मीन गोत्रों में बाँटी जाए। ऐसा कहकर यहोवा ने इस बात पर ज़ोर दिया कि देश में उपासना की इस खास जगह को सबसे ज़्यादा अहमियत दी जाए। (यहे. 45:1) इससे बँधुआई में रहनेवाले यहूदियों के दिमाग में यह बात अच्छी तरह बैठ गयी होगी कि उन्हें अपनी ज़िंदगी में यहोवा की उपासना को पहली जगह देनी चाहिए। आज हमें भी यहोवा की उपासना को सबसे ज़्यादा अहमियत देनी चाहिए, जैसे बाइबल पढ़ना, मसीही सभाओं में जाना, प्रचार करना वगैरह। यहोवा अपनी मिसाल से हमें यही सिखाना चाहता है कि हमें रोज़मर्रा की ज़िंदगी में उसकी उपासना को सबसे पहली जगह देनी चाहिए।
-
-
‘तुम भेंट के लिए ज़मीन अलग रखना’सारी धरती पर यहोवा की शुद्ध उपासना बहाल!
-
-
4. ‘पवित्र भेंट की ज़मीन’
इस हिस्से को “पवित्र भाग” भी कहा गया है। इसका ऊपर का भाग “पवित्र है” और यह “लेवियों के लिए” है। बीच का भाग “याजकों के लिए” है। इस “हिस्से में उनके घर होंगे और पवित्र-स्थान के लिए पवित्र जगह भी होगी।”
-