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‘जहाँ कहीं नदी बहेगी, वहाँ हर जीव ज़िंदा रह पाएगा’सारी धरती पर यहोवा की शुद्ध उपासना बहाल!
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7. नदी किनारे लगे पेड़ों से यहूदियों को किस बात का भरोसा हुआ होगा?
7 रोग दूर करनेवाले फलदार पेड़। दर्शन में नदी किनारे लगे पेड़ों की वजह से आस-पास का नज़ारा बहुत खूबसूरत लग रहा है। यहेजकेल और बाकी यहूदियों के लिए इन पेड़ों के क्या मायने थे? दर्शन में बताया गया कि इन पेड़ों पर हर महीने नए-नए स्वादिष्ट फल लगेंगे। इस बात से यहूदियों को भरोसा हुआ होगा कि यहोवा उन्हें अपने वचन से बढ़िया खुराक देता रहेगा। इन पेड़ों से एक और फायदा होगा। उनके “पत्ते रोग दूर करने के काम आएँगे।” (यहे. 47:12) वह कैसे? याद कीजिए कि यहोवा के साथ यहूदियों का रिश्ता कमज़ोर पड़ गया था। वे एक मायने में रोगी हो गए थे। यहोवा जानता था कि जब वे अपने देश लौटेंगे, तो उन्हें चंगा करने की ज़रूरत होगी यानी उन्हें यहोवा के साथ रिश्ता मज़बूत करने के लिए मदद की ज़रूरत होगी। यहोवा ने इसी तरह की चंगाई करने का वादा किया। उसने उन्हें कैसे चंगा किया, इस बारे में हमने इस किताब के अध्याय 9 में देखा था, जहाँ हमने बहाली की दूसरी भविष्यवाणियों पर गौर किया था।
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हलकी-हलकी बहती धारा एक नदी बन जाती है!सारी धरती पर यहोवा की शुद्ध उपासना बहाल!
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रोग दूर करनेवाले फलदार पेड़
प्राचीन समय में: जब यहूदी अपने देश लौटे, तो यहोवा ने उन्हें बढ़िया शिक्षा दी जो उनके लिए खुराक जैसी थी और ऐसे इंतज़ाम किए जिनकी वजह से वे शुद्ध उपासना कर पाए। उसने उनका रोग भी दूर किया यानी झूठी उपासना से दूर रहने में उनकी मदद की
आधुनिक समय में: आज जहाँ दुनिया में सही मार्गदर्शन का अकाल पड़ा है, वहीं यहोवा के लोगों को सच्चाई की भरपूर खुराक मिल रही है ताकि वे पाप करने के प्रलोभन को ठुकरा सकें और अपने अंदर दुनियावी लोगों की तरह बुरा रवैया न पनपने दें
भविष्य में: मसीह और उसके 1,44,000 साथी राजाओं की मदद से वफादार लोग परिपूर्ण हो जाएँगे और हमेशा अच्छी सेहत का आनंद उठाएँगे!
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