-
“शहर का नाम होगा, ‘यहोवा वहाँ है’”सारी धरती पर यहोवा की शुद्ध उपासना बहाल!
-
-
“ज़मीन के बीचों-बीच शहर होगा”
5, 6. (क) शहर की ज़मीन किसकी थी? (ख) शहर का मतलब क्या नहीं है? क्यों?
5 यहेजकेल 48:15 पढ़िए। “शहर” और उसके आस-पास की ज़मीन के क्या मायने थे? (यहे. 48:16-18) दर्शन में यहोवा ने यहेजकेल को बताया कि ‘शहर के लिए अलग की गयी ज़मीन इसराएल के पूरे घराने की होगी।’ (यहे. 45:6, 7) इससे पता चलता है कि शहर और उसके आस-पास की ज़मीन उस “पवित्र भेंट” का हिस्सा नहीं थी जो उन्हें ‘यहोवा के लिए अलग रखनी’ थी। (यहे. 48:9) इस बात को ध्यान में रखते हुए आइए देखें कि शहर के इंतज़ाम से हमें क्या-क्या सीख मिलती है।
6 शहर के इंतज़ाम से हमें क्या सीख मिलती है, यह जानने से पहले आइए देखें कि शहर का मतलब क्या नहीं हो सकता। दर्शन के इस शहर का मतलब दोबारा बनाया गया यरूशलेम शहर नहीं हो सकता जहाँ मंदिर बनाया गया था। ऐसा क्यों? क्योंकि यहेजकेल ने दर्शन में जो शहर देखा उसमें कोई मंदिर नहीं था। दर्शन का वह शहर दोबारा बसाए गए इसराएल के किसी और शहर को भी नहीं दर्शाता। वह इसलिए क्योंकि दर्शन में जिस तरह के शहर की बात की गयी है, वैसा शहर यहूदियों ने अपने देश लौटने के बाद कभी नहीं बनाया। उनके वंशजों ने भी कभी ऐसा शहर नहीं बनाया। दर्शन का शहर स्वर्ग को भी नहीं दर्शाता। वह इसलिए क्योंकि दर्शन में शहर “आम इस्तेमाल” की ज़मीन पर बना हुआ था, न कि उपासना के लिए अलग ठहरायी गयी ज़मीन पर।—यहे. 42:20.
7. (क) यहेजकेल ने जो शहर देखा, वह कैसा शहर था? (ख) उस शहर का क्या मतलब हो सकता है? (शुरूआती तसवीर देखें।)
7 तो फिर वह शहर क्या है जो यहेजकेल ने दर्शन में देखा था? याद कीजिए कि उसने जिस दर्शन में एक देश देखा था, उसी दर्शन में उसने शहर भी देखा था। (यहे. 40:2; 45:1, 6) परमेश्वर के वचन से सुराग मिलता है कि देश का मतलब एक लाक्षणिक देश या फिरदौस जैसा माहौल है। तो फिर शहर भी कोई लाक्षणिक शहर ही होगा। आम तौर पर शहर के नाम से हमारे मन में कैसी तसवीर आती है? एक ऐसी जगह जहाँ बहुत-से लोग साथ मिलकर रहते हैं और सबकुछ अच्छी व्यवस्था और कायदे-कानून के मुताबिक होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए हम कह सकते हैं कि यहेजकेल ने जो व्यवस्थित शहर देखा, जो कि चौकोर था, अच्छी व्यवस्था के मुताबिक काम करनेवाले एक प्रशासन को दर्शाता है।
8. (क) यह प्रशासन कहाँ काम करता है? (ख) हम ऐसा क्यों कह सकते हैं?
8 यह प्रशासन कहाँ काम करता है? दर्शन में देखा गया कि शहर देश के अंदर है। इससे पता चलता है कि आज यह प्रशासन यहोवा के लोगों के बीच काम करता है और उन्हें निर्देश देता है। यह भी गौर कीजिए कि शहर आम इस्तेमाल की ज़मीन पर बनाया गया था, न कि पवित्र ज़मीन पर। इससे पता चलता है कि शहर स्वर्ग के किसी प्रशासन को नहीं बल्कि धरती पर मौजूद एक प्रशासन को दर्शाता है। यह प्रशासन आज फिरदौस जैसे माहौल में रहनेवालों की खातिर काम कर रहा है।
-
-
‘तुम भेंट के लिए ज़मीन अलग रखना’सारी धरती पर यहोवा की शुद्ध उपासना बहाल!
-
-
5. “बाकी ज़मीन”
“यह ज़मीन इसराएल के पूरे घराने की होगी।” यह “शहर के आम इस्तेमाल के लिए होगी। उसमें घर और चरागाह होंगे।”
-