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‘जहाँ कहीं नदी बहेगी, वहाँ हर जीव ज़िंदा रह पाएगा’सारी धरती पर यहोवा की शुद्ध उपासना बहाल!
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3. यहूदी क्यों समझ गए होंगे कि दर्शन में देखी गयी नदी सचमुच की नदी नहीं हो सकती?
3 यहूदियों ने यह नहीं सोचा होगा कि दर्शन की यह नदी सचमुच की किसी नदी को दर्शाती है। यह हम क्यों कह सकते हैं? वे जानते थे कि 200 साल पहले योएल ने भी बहाली के बारे में कुछ ऐसी ही भविष्यवाणी की थी। (योएल 3:18 पढ़िए।) उसने लिखा था कि पहाड़ों से “मीठी दाख-मदिरा टपकेगी,” पहाड़ियों पर “दूध बहेगा” और “यहोवा के भवन से” एक सोता फूट निकलेगा। बँधुआई में रहनेवाले यहूदी जानते थे कि योएल सचमुच के किसी पहाड़, पहाड़ियों या सोते की बात नहीं कर रहा था, इसलिए यहेजकेल ने जो नदी देखी, वह भी सचमुच की कोई नदी नहीं हो सकती।a तो फिर नदी का यह दर्शन दिखाकर यहोवा क्या बताना चाह रहा था? बाइबल से हम ठीक-ठीक जान सकते हैं कि दर्शन की कुछ बातों का क्या मतलब है। आइए ऐसी तीन बातों पर गौर करें जिनसे हमें काफी हिम्मत मिल सकती है।
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यहोवा की आशीषों की नदियाँसारी धरती पर यहोवा की शुद्ध उपासना बहाल!
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योएल 3:18 इस भविष्यवाणी में एक सोते की बात की गयी है जो यहोवा के भवन से निकलता है। यह सोता “बबूल के पेड़ों” की सूखी “घाटी” को सींचता है। इस तरह यहेजकेल की तरह योएल ने भी एक ऐसी नदी के बारे में बताया जो बेकार-सी जगह को उपजाऊ बना देती है या उसमें जान डाल देती है। दोनों भविष्यवाणियों में बताया गया है कि नदी यहोवा के भवन या मंदिर से निकलती है।
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