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  • हमारे “देश” पर यहोवा की आशीष
    प्रहरीदुर्ग—1999 | मार्च 1
    • ४, ५. एक नदी के बारे में योएल की भविष्यवाणी किस तरह यहेजकेल की भविष्यवाणी से मेल खाती है और इसकी क्या अहमियत है?

      ४ इस सुंदर भविष्यवाणी से, बंधुआई में जी रहे उन यहूदियों कोदो सौ साल पहले लिखी गयी एक और भविष्यवाणी की याद आई होगी: “यहोवा के भवन से एक सोता फूट निकलेगा जो शित्तीम की घाटीa को सींचेगा।” (योएल ३:१८, NHT) यहेजकेल की भविष्यवाणी की तरह, योएल की भविष्यवाणी भी एक नदी के बारे में बताती है जो परमेश्‍वर के भवन यानी उसके मंदिर से बहेगी और बंजर भूमि को हरा-भरा कर देगी।

      ५ प्रहरीदुर्ग सालों से समझाती आयी है कि योएल की भविष्यवाणी हमारे समय में पूरी हो रही है।b तो फिर यह कहा जा सकता है कि इससे मेल खाता यहेजकेल का दर्शन भी हमारे समय में पूरा हो रहा है। जैसा प्राचीन इस्राएल में था वैसे ही, आज भी परमेश्‍वर के लोगों के फिर से बसाए गए देश में सचमुच यहोवा की आशीषों की धारा बह रही है।

  • हमारे “देश” पर यहोवा की आशीष
    प्रहरीदुर्ग—1999 | मार्च 1
    • a यह घाटी शायद किद्रोन की घाटी थी, जो यरूशलेम के दक्षिणपूर्व से लेकर मृत सागर तक है। खासकर इसके मृत सागर के पासवाले भाग में पानी नहीं होता और बारहों महीने यह सूखा पड़ा रहता है।

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