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  • उसने अपनी गलतियों से सबक सीखा
    प्रहरीदुर्ग—2009 | अप्रैल 1
    • जब योना देखता है कि वह नाविकों की कुछ मदद नहीं कर सकता, तो वह जहाज़ के निचले हिस्से में जाकर लेट जाता है। वहाँ वह गहरी नींद सो जाता है।b जब कप्तान उसे वहाँ सोते हुए देखता है, तो उसे जगाता है और उससे गुज़ारिश करता है कि वह भी सबकी तरह अपने ईश्‍वर से दुआ करे। नाविकों को यकीन हो जाता है कि हो-न-हो यह ईश्‍वर का प्रकोप है, इसलिए वे सबके नाम से चिट्ठियाँ डालते हैं ताकि पता लगा सकें कि जहाज़ पर मौजूद किस इंसान की वजह से यह आफत आयी है। योना देखता है कि एक-एक कर सबके नाम से चिट्ठी डाली जा रही है, मगर उनका नाम नहीं निकल रहा। जैसे-जैसे उसकी बारी नज़दीक आती है, उसकी धड़कन तेज़ होने लगती है। फिर जल्द ही सच्चाई सबके सामने आ जाती है। चिट्ठी योना के नाम पर पड़ती है। इस तरह यहोवा खुलासा कर देता है कि योना ही कसूरवार है और उसी की वजह से यहोवा यह तूफान लाया है।—योना 1:5-7.

  • उसने अपनी गलतियों से सबक सीखा
    प्रहरीदुर्ग—2009 | अप्रैल 1
    • b सेप्टुआजेंट बाइबल में बताया गया है कि योना इतनी गहरी नींद सो रहा था कि वह खर्राटे ले रहा था। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि योना बिलकुल बेफिक्र था। जब एक इंसान बहुत ही मायूस हो जाता है, तो उसका दिमाग सुस्त हो जाता है और नींद उस पर हावी होने लगती है। यीशु के कुछ चेलों के साथ भी ऐसा ही हुआ था। गतसमनी के बाग में जब यीशु गहरी मानसिक वेदना में था, तो उसके चेले पतरस, याकूब और यूहन्‍ना ‘उदासी के मारे सो’ गए।—लूका 22:45.

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