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ईश्वरीय चेतावनियाँ जो आप पर प्रभाव डालती हैंप्रहरीदुर्ग—1989 | अप्रैल 1
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परमेश्वर के सेवक आश्वस्त हो सकते हैं कि वह उनकी प्रार्थनाओं का उत्तर देगा। मछली के अन्दर, योना यहोवा की ओर मदद के लिए पुकारता है, प्रार्थनापूर्वक एक जल की क़ब्र से मुक्ति के लिए परमेश्वर का धन्यवाद करता है, और यह वादा करता है कि उसने जो वादा किया है, उसे पूरा करेगा। समय पर, उसे सूखी भूमि पर उगल दिया जाता है।—२:१-१०.
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ईश्वरीय चेतावनियाँ जो आप पर प्रभाव डालती हैंप्रहरीदुर्ग—1989 | अप्रैल 1
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● २:१, २—जब योना ‘मछली के पेट में’ था तब निश्चय ही वह एक कविता की रचना करने के लिए आदर्श परिस्थिति नहीं थी। लेकिन उसने बाद में उसका अनुभव को लिपिबद्ध किया। उसके हृदय की गहराई से ऐसे शब्द आए जो भजन सहिंता में उसकी भावनाओं को व्यक्त करने वाले शब्दों के समान थे।—तुलना २:२ का भजन १२०:१ और १३०:१ से; और २:५ का भजन ६९:१ से करें।
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