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यहोवा के न्याय करने का दिन निकट है!प्रहरीदुर्ग—2001 | फरवरी 15
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11. सपन्याह 1:8-11 का सार बताइए।
11 यहोवा के दिन के बारे में सपन्याह 1:8-11 आगे कहता है: “यहोवा के यज्ञ के दिन, मैं हाकिमों और राजकुमारों को और जितने परदेश के वस्त्र पहिना करते हैं, उनको भी दण्ड दूंगा। उस दिन मैं उन सभों को दण्ड दूंगा जो डेवढ़ी को लांघते, और अपने स्वामी के घर को उपद्रव और छल से भर देते हैं। यहोवा की यह वाणी है, कि उस दिन मछली फाटक के पास चिल्लाहट का, और नये टोले मिश्नाह में हाहाकार का, और टीलों पर बड़े धमाके का शब्द होगा। हे मक्तेश के रहनेवालो, हाय, हाय, करो! क्योंकि सब ब्योपारी मिट गए; जितने चान्दी से लदे थे, उन सब का नाश हो गया है।”
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यहोवा के न्याय करने का दिन निकट है!प्रहरीदुर्ग—2001 | फरवरी 15
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13. सपन्याह की भविष्यवाणी के मुताबिक बाबुल जब यरूशलेम पर धावा बोलता तब क्या होता?
13 यहूदा से लेखा लेने का ‘वह दिन’ यहोवा के न्याय का दिन होता, जब वह अपने दुश्मनों का न्याय करता, दुष्टता को खत्म करता और अपने परम-अधिकार का सबूत देता। उस दिन जब बाबुल की सेना यरूशलेम पर हमला करती तो मछली फाटक से एक चिल्लाहट का शब्द सुनाई पड़ता। इस फाटक का नाम मछली फाटक शायद इसलिए पड़ा क्योंकि इस फाटक के पास एक मछली बाज़ार था। (नहेमायाह 13:16) बाबुल की सेना उस बस्ती में घुस आती जो नये टोले नाम से जानी जाती थी। और “टीलों पर बड़े धमाके” की आवाज़ शहर की ओर आगे बढ़ती कसदी सेना की होती। मक्तेश (शायद ऊपरी टाइरोपियन घाटी) के निवासी भी “हाय, हाय” करते। मगर क्यों? क्योंकि उनका व्यापार ठप्प हो जाता, यहाँ तक कि “चान्दी से लदे” सब कारोबार बंद हो जाते।
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