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  • यहोवा के न्याय करने का दिन निकट है!
    प्रहरीदुर्ग—2001 | फरवरी 15
    • 17. सपन्याह 1:14-16 के मुताबिक यहोवा के न्याय का दिन कितना करीब है?

      17 यहोवा के न्याय का दिन कितना करीब है? सपन्याह 1:14-16 में परमेश्‍वर हमें यकीन दिलाता है: “यहोवा का भयानक दिन निकट है, वह बहुत वेग से समीप चला आता है; यहोवा के दिन का शब्द सुन पड़ता है, वहां वीर दु:ख के मारे चिल्लाता है। वह रोष का दिन होगा, वह संकट और सकेती का दिन, वह उजाड़ और उधेड़ का दिन, वह अन्धेर और घोर अन्धकार का दिन, वह बादल और काली घटा का दिन होगा। वह गढ़वाले नगरों और ऊंचे गुम्मटों के विरुद्ध नरसिंगा फूंकने और ललकारने का दिन होगा।”

  • यहोवा के न्याय करने का दिन निकट है!
    प्रहरीदुर्ग—2001 | फरवरी 15
    • 19, 20. (क) परमेश्‍वर ने जब यहूदा और यरूशलेम को नाश किया तब कैसी घटनाएँ घटी थीं? (ख) जल्द ही यहोवा जहाँ चाहे वहाँ नाश करनेवाला है, तो इस बारे में कौन-से सवाल उठ खड़े होते हैं?

      19 जिस दिन यहूदा और यरूशलेम पर परमेश्‍वर ने अपनी जलजलाहट प्रकट की थी वह दिन उनके लिए “संकट और सकेती का दिन” साबित हुआ था। बाबुल की सेना ने यहूदा के लोगों को इतना तड़पाया कि वे अपनी मौत और सर्वनाश को पास आता देखकर पागल-से हो गए थे। ‘उजाड़ और उधेड़ का वह दिन,’ अंधकार, बादल और काली घटा का दिन था। ऐसा सिर्फ लाक्षणिक तौर पर ही नहीं बल्कि सचमुच में भी हुआ था क्योंकि धुएँ और लोथों से सारा इलाका भर गया था। वह “नरसिंगा फूंकने और ललकारने का दिन” था। लोगों को चेतावनियाँ देने के बावजूद उनके कानों पर जूँ तक नहीं रेंगी थी।

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