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सच्चा धर्म लोगों को एक करता हैप्रहरीदुर्ग—2001 | सितंबर 15
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आज दुनिया के कोने-कोने में मौजूद एकता!
बाइबल की सपन्याह नाम की एक किताब में एक अनोखी भविष्यवाणी की गयी है कि कैसे अलग-अलग संस्कृतियों के लोग एक किए जाएँगे। यह भविष्यवाणी कहती है: “उस समय मैं [यहोवा परमेश्वर] देश-देश के लोगों से एक नई और शुद्ध भाषा बुलवाऊंगा, कि वे सब के सब यहोवा से प्रार्थना करें, और एक मन से कन्धे से कन्धा मिलाए हुए उसकी सेवा करें।” (सपन्याह 3:9) कितने बढ़िया शब्दों में बताया गया है कि लोग कैसे खुद को पूरी तरह बदलकर, एकता से परमेश्वर की सेवा करते हैं!
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सच्चा धर्म लोगों को एक करता हैप्रहरीदुर्ग—2001 | सितंबर 15
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यहोवा ने अपने लोगों को एक करने के लिए, उन्हें शुद्ध भाषा दी है। इस नयी भाषा से हमें, परमेश्वर और उसके उद्देश्यों के बारे में, बाइबल में दी गयी सच्चाई की सही समझ मिलती है। शुद्ध भाषा बोलने का मतलब है, सच्चाई पर विश्वास करना, इसे दूसरों को सिखाना और परमेश्वर के नियमों और सिद्धांतों के मुताबिक जीना। शुद्ध भाषा बोलने के लिए ज़रूरी है कि हम, लोगों में फूट डालनेवाली राजनीति से दूर रहें और अपने दिल से स्वार्थी भावनाओं को जड़ से उखाड़ दें। अपनी जाति या अपने देश को दूसरों से श्रेष्ठ न समझें जिससे लोगों में दुश्मनी पैदा होती है, और जो इस संसार के लक्षण हैं। (यूहन्ना 17:14; प्रेरितों 10:34,35) सच्चाई से प्रेम करनेवाले सभी नेकदिल लोगों के लिए यह भाषा सीखना मुमकिन है। पिछले लेख में ऐसे पाँच लोगों के बारे में बताया गया था, जिनके धार्मिक विश्वास एक वक्त पर बिलकुल अलग-अलग थे। गौर कीजिए कि आज वे कैसे एकमात्र सच्चे परमेश्वर यहोवा की उपासना में एक हो गए हैं।
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