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बाइबल की किताब नंबर 38—जकर्याह“सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र” सच्चा और फायदेमंद (यिर्मयाह–मलाकी)
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5 इस किताब के ईश्वर-प्रेरित होने का सबसे ज़बरदस्त सबूत है, मसीहा यानी यीशु के बारे में पूरी हुई इसकी भविष्यवाणियाँ। इन भविष्यवाणियों की पूर्ति के लिए इन आयतों की तुलना कीजिए: जकर्याह 9:9 की मत्ती 21:4, 5 और यूहन्ना 12:14-16 से; जकर्याह 12:10 की यूहन्ना 19:34-37 से; और जकर्याह 13:7 की मत्ती 26:31 और मरकुस 14:27 से। इसके अलावा, जकर्याह 8:16 और इफिसियों 4:25 में; जकर्याह 3:2 और यहूदा 9 में; और जकर्याह 14:5 और यहूदा 14 में मिलती-जुलती बातें कही गयी हैं। परमेश्वर के वचन में सचमुच कमाल का तालमेल पाया जाता है!
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बाइबल की किताब नंबर 38—जकर्याह“सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र” सच्चा और फायदेमंद (यिर्मयाह–मलाकी)
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25 जैसे कि शुरू के पैराग्राफों में बताया गया है, यीशु का “दीन [होकर] और गदहे पर” बैठकर राजा के तौर पर यरूशलेम में आना, ‘चान्दी के तीस टुकड़ों’ के लिए उसके साथ विश्वासघात किया जाना, उसके गिरफ्तार होने पर चेलों का तितर-बितर होना और सूली पर सैनिक के भाले से बेधा जाना, इन सब घटनाओं की जकर्याह ने बारीकी से भविष्यवाणी की थी। (जक. 9:9; 11:12; 13:7; 12:10) जकर्याह की भविष्यवाणी यह भी बताती है कि एक “अंकुर” (NHT, फुटनोट) उगेगा जो यहोवा के मंदिर को बनाएगा। यशायाह 11:1-10; यिर्मयाह 23:5; और लूका 1:32, 33 की तुलना करने से पता चलता है कि वह अंकुर यीशु मसीह है, जो “याकूब के घराने पर सदा राज्य करेगा।” जकर्याह बताता है कि वह “अंकुर” “अपने सिंहासन पर याजक भी होगा।” यह बात प्रेरित पौलुस के इन शब्दों से मेल खाती है: “यीशु मलिकिसिदक की रीति पर सदा काल का महायाजक [बन गया]” और “स्वर्ग पर महामहिमन के सिंहासन के दहिने जा बैठा।” (जक. 6:12, 13, NHT; इब्रा. 6:20; 8:1) इस तरह, जकर्याह की भविष्यवाणी इशारा करती है कि वह “अंकुर” ही महायाजक और राजा है जो स्वर्ग में परमेश्वर की दाहिनी ओर बैठा है। साथ ही, यह भविष्यवाणी ऐलान करती है कि यहोवा पूरे जहान का महाराजाधिराज है: “यहोवा सारी पृथ्वी का राजा होगा; और उस समय एक ही यहोवा और उसका नाम भी एक ही माना जाएगा।”—जक. 14:9.
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