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  • यहोवा के दिन में कौन बच पाएगा?
    प्रहरीदुर्ग—2002 | मई 1
    • यहोवा के दिन में कौन बच पाएगा?

      ‘वह धधकते भट्ठे-का-सा दिन आ रहा है।’—मलाकी 4:1, NHT.

      1. मलाकी ने इस दुष्ट संसार के अंत के बारे में क्या ब्योरा दिया?

      परमेश्‍वर ने भविष्यवक्‍ता मलाकी को कुछ ऐसी भयानक घटनाओं की भविष्यवाणियाँ लिखने की प्रेरणा दी जो बहुत जल्द भविष्य में होनेवाली हैं। इन घटनाओं का असर धरती पर जीनेवाले हर इंसान पर पड़ेगा। मलाकी 4:1 कहता है: ‘देखो, वह धधकते भट्ठे-का-सा दिन आ रहा है, जब सब अभिमानी और सब दुराचारी लोग भूसी के समान हो जाएंगे; और वह आने वाला दिन उन्हें ऐसा भस्म करेगा कि न तो उनकी जड़ और न ही डालियां बच पाएंगी, सेनाओं के यहोवा का यही वचन है।’ (NHT) उस आनेवाले दिन में दुष्ट संसार का किस हद तक सफाया होगा? उस दिन दुष्टता का ऐसा सफाया हो जाएगा जैसे किसी पेड़ की जड़ों को पूरी तरह उखाड़ दिया गया हो ताकि वह फिर कभी उगने न पाए।

      2. कुछ आयतों में यहोवा के दिन का ज़िक्र कैसे किया गया है?

      2 आप शायद पूछें, ‘मलाकी यहाँ किस “दिन” की भविष्यवाणी कर रहा है?’ यह वही दिन है, जिसका ज़िक्र यशायाह 13:9 में है। वहाँ यह ऐलान दर्ज़ है: ‘देखो, यहोवा का वह दिन रोष और क्रोध और निर्दयता के साथ आ रहा है कि वह पृथ्वी को उजाड़ डाले और पापियों को उस में से नाश करे।’ सपन्याह 1:15 में इस दिन का वर्णन यूँ किया गया है: “वह रोष का दिन होगा, वह संकट और सकेती का दिन, वह उजाड़ और उधेड़ का दिन, वह अन्धेर और घोर अन्धकार का दिन, वह बादल और काली घटा का दिन होगा।”

      “भारी क्लेश”

      3. ‘यहोवा का दिन’ क्या है?

      3 मलाकी की भविष्यवाणी की बड़ी पूर्ति में, ‘यहोवा का दिन,’ “भारी क्लेश” का दौर है। इसके बारे में यीशु ने बताया: “उस समय ऐसा भारी क्लेश होगा, जैसा जगत के आरम्भ से न अब तक हुआ, और न कभी होगा।” (मत्ती 24:21) ज़रा याद कीजिए कि संसार ने खासकर 1914 से कितनी पीड़ाएँ सही हैं। (मत्ती 24:7-12) दूसरे विश्‍वयुद्ध में ही 5 करोड़ से ज़्यादा लोग मारे गए थे! मगर आनेवाले “भारी क्लेश” के सामने ये सारी विपत्तियाँ ना के बराबर लगेंगी। भारी क्लेश का वक्‍त यहोवा का वही दिन होगा, जो हरमगिदोन में खत्म होगा और इसके साथ दुष्ट संसार के अंतिम दिन खत्म हो जाएँगे।—2 तीमुथियुस 3:1-5, 13; प्रकाशितवाक्य 7:14; 16:14, 16.

      4. यहोवा के दिन के खत्म होते-होते क्या हो चुका होगा?

      4 यहोवा के उस दिन के खत्म होने तक, शैतान की दुनिया और उसकी हिमायत करनेवालों का नामो-निशान मिटा दिया जाएगा। सबसे पहले तो, झूठे धर्म का नाश होगा। उसके बाद यहोवा, शैतान की व्यापारिक और राजनैतिक व्यवस्थाओं को सज़ा देगा। (प्रकाशितवाक्य 17:12-14; 19:17, 18) यहेजकेल भविष्यवाणी करता है: “वे अपनी चान्दी सड़कों में फेंक देंगे, और उनका सोना अशुद्ध वस्तु ठहरेगा; यहोवा की जलन के दिन उनका सोना चान्दी उनको बचा न सकेगी।” (यहेजकेल 7:19) और उस दिन के बारे में सपन्याह 1:14 कहता है: ‘यहोवा का भयानक दिन निकट है, वह बहुत वेग से समीप चला आ रहा है।’ यहोवा के दिन के बारे में बाइबल जो कहती है, उसे मद्देनज़र रखते हुए, हमारा यह इरादा अटल होना चाहिए कि हम यहोवा के धर्मी माँगों के मुताबिक ही चलें।

  • यहोवा के दिन में कौन बच पाएगा?
    प्रहरीदुर्ग—2002 | मई 1
    • 9. मलाकी की भविष्यवाणियाँ पहली बार कैसे पूरी हुईं?

      9 मलाकी के ये शब्द सा.यु. पहली सदी में भी पूरे हुए थे। यहूदियों में से कुछ लोगों ने यहोवा की सेवा की और आत्मा से अभिषिक्‍त मसीहियों की नयी “जाति” के सदस्य बन गए और बाद में अन्यजाति के लोगों को भी इसमें शामिल किया गया। लेकिन पैदाइशी इस्राएलियों में से ज़्यादातर लोगों ने यीशु को ठुकरा दिया था। इसीलिए यीशु ने उनसे कहा: “देखो, तुम्हारा घर तुम्हारे लिए उजाड़ छोड़ा जाता है।” (मत्ती 23:38; 1 कुरिन्थियों 16:21) ठीक जैसे मलाकी 4:1 में भविष्यवाणी की गयी थी, सा.यु. 70 में “धधकते भट्ठे-का-सा दिन” इस्राएल जाति पर आ पड़ा। यरूशलेम और उसके मंदिर को तबाह कर दिया गया और कहा जाता है कि दस लाख से ज़्यादा लोग अकाल के कारण, अधिकार पाने के लिए की गयी लड़ाइयों में और रोमी सैनिकों के हमलों में मारे गए। मगर जिन लोगों ने यहोवा की सेवा की, वे उस क्लेश से बच निकले।—मरकुस 13:14-20.

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