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परमेश्वर की भविष्यवाणी के वचन पर ध्यान देंप्रहरीदुर्ग—2000 | अप्रैल 1
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5. अपने शब्दों में रूपांतरण का वर्णन कीजिए।
5 दरअसल यह रूपांतरण एक भविष्यवाणी थी। रूपांतरण की घटना से थोड़े समय पहले यीशु ने अपने प्रेरितों से कहा था: “मनुष्य का पुत्र अपने स्वर्गदूतों के साथ अपने पिता की महिमा में आएगा, . . . मैं तुम से सच कहता हूं, कि जो यहां खड़े हैं, उन में से कितने ऐसे हैं; कि जब तक मनुष्य के पुत्र को उसके राज्य में आते हुए न देख लेंगे, तब तक मृत्यु का स्वाद कभी न चखेंगे।” (मत्ती 16:27, 28) तो क्या यीशु के कुछ प्रेरितों ने उसे वाकई अपने राज्य में आते देखा? जी हाँ, मत्ती 17:1-7 में लिखा है: “छः दिन के बाद यीशु ने पतरस और याकूब और उसके भाई यूहन्ना को साथ लिया, और उन्हें एकान्त में किसी ऊंचे पहाड़ पर ले गया। और उन के साम्हने उसका रूपान्तर हुआ।” वह क्या ही अनोखी घटना थी! “उसका मुंह सूर्य की नाईं चमका और उसका वस्त्र ज्योति की नाईं उजला हो गया। और देखो, मूसा और एलिय्याह उसके साथ बातें करते हुए उन्हें दिखाई दिए।” इसके बाद, “एक उजले बादल ने उन्हें छा लिया, और देखो; उस बादल में से यह शब्द निकला, कि यह मेरा प्रिय पुत्र है, जिस से मैं प्रसन्न हूं: इस की सुनो। चेले यह सुनकर मुंह के बल गिर गए और अत्यन्त डर गए। यीशु ने पास आकर उन्हें छूआ, और कहा, उठो; डरो मत।”
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परमेश्वर की भविष्यवाणी के वचन पर ध्यान देंप्रहरीदुर्ग—2000 | अप्रैल 1
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7. हम कैसे जान सकते हैं कि पतरस को रूपांतरण की एक-एक बात अच्छी तरह याद थी?
7 इस दर्शन में यीशु के सूरज की तरह चमकते हुए चेहरे, ज्योति की तरह उजले वस्त्र और खुद यहोवा की आवाज़ ने वाकई उन तीनों प्रेरितों का विश्वास मज़बूत किया, जो कि आगे जाकर मसीही कलीसिया की अगुवाई करनेवाले थे। लेकिन प्रेरितों को इस दर्शन के बारे में तब तक किसी से कुछ नहीं कहना था, जब तक कि यीशु का पुनरुत्थान नहीं हो जाता। और करीब 32 साल बाद, जब पतरस ने इस रूपांतरण के बारे में लिखा, तो उसे यह घटना इतनी अच्छी तरह याद थी, मानो कल की बात हो। उस घटना की अहमियत बताते हुए पतरस ने लिखा: “जब हम ने तुम्हें अपने प्रभु यीशु मसीह की सामर्थ का, और आगमन का समाचार दिया था तो वह चतुराई से गढ़ी हुई कहानियों का अनुकरण नहीं किया था बरन हम ने आप ही उसके प्रताप को देखा था। कि उस ने परमेश्वर पिता से आदर, और महिमा पाई जब उस प्रतापमय महिमा में से यह वाणी आई कि यह मेरा प्रिय पुत्र है, जिस से मैं प्रसन्न हूं। और जब हम उसके साथ पवित्र पहाड़ पर थे, तो स्वर्ग से यही वाणी आते सुना।”—2 पतरस 1:16-18.
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