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परमेश्वर का राज शुरू हो चुका है!खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!—ईश्वर से जानें
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2. सन् 1914 से दुनिया के हालात और लोगों का रवैया कैसा हो गया है?
यीशु के शिष्यों ने उससे पूछा था, “तेरी मौजूदगी की और दुनिया की व्यवस्था के आखिरी वक्त की क्या निशानी होगी?” (मत्ती 24:3) तब यीशु ने भविष्यवाणी की कि जब वह स्वर्ग में परमेश्वर के राज का राजा बनेगा, तो उसके बाद धरती पर क्या घटनाएँ घटेंगी। जैसे युद्ध होंगे, अकाल पड़ेंगे और भूकंप होंगे। (मत्ती 24:7 पढ़िए।) बाइबल में यह भी भविष्यवाणी की गयी थी कि “आखिरी दिनों” में लोगों का रवैया ऐसा होगा कि सबका जीना ‘मुश्किल हो जाएगा।’ (2 तीमुथियुस 3:1-5) खासकर 1914 से यह साफ नज़र आ रहा है कि दुनिया के हालात और लोगों का रवैया वैसा ही हो गया है, जैसा भविष्यवाणी में बताया गया था।
3. जब से परमेश्वर का राज स्वर्ग में शुरू हुआ है, तब से धरती पर हालात क्यों बिगड़ गए हैं?
राजा बनने के कुछ ही समय बाद, यीशु ने स्वर्ग में शैतान और दुष्ट स्वर्गदूतों से युद्ध किया। इस युद्ध में शैतान हार गया। बाइबल में लिखा है कि शैतान को “नीचे धरती पर फेंक दिया गया और उसके दुष्ट स्वर्गदूत भी उसके साथ फेंक दिए गए।” (प्रकाशितवाक्य 12:9, 10, 12) शैतान बहुत गुस्से में है क्योंकि वह जानता है कि उसे खत्म कर दिया जाएगा। गुस्से में आकर वह दुनिया में तबाही मचा रहा है और लोगों को बहुत दुख और दर्द दे रहा है। उसकी वजह से दुनिया के हालात इतने बिगड़ गए हैं। लेकिन बहुत जल्द परमेश्वर अपने राज के ज़रिए सारी समस्याओं को मिटा देगा।
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परमेश्वर का राज शुरू हो चुका है!खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!—ईश्वर से जानें
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5. सन् 1914 से दुनिया बदल गयी
यीशु ने पहले से बताया था कि जब वह राजा बनेगा, तो उसके बाद दुनिया के हालात कैसे होंगे। लूका 21:9-11 पढ़िए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:
यहाँ जो हालात बताए गए हैं, उनमें से आपने कौन-से होते देखे हैं या उनके बारे में सुना है?
प्रेषित पौलुस ने बताया था कि इंसान के शासन के आखिरी दिनों में लोग कैसे होंगे। दूसरा तीमुथियुस 3:1-5 पढ़िए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:
जैसा यहाँ बताया है, आपने लोगों में कैसा रवैया देखा है?
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