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यीशु का मशहूर पहाड़ी उपदेशयीशु—राह, सच्चाई, जीवन
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वह कहता है, “सुखी हैं वे जिनमें परमेश्वर से मार्गदर्शन पाने की भूख है क्योंकि स्वर्ग का राज उन्हीं का है। सुखी हैं वे जो मातम मनाते हैं क्योंकि उन्हें दिलासा दिया जाएगा। . . . सुखी हैं वे जो नेकी के भूखे-प्यासे हैं क्योंकि वे तृप्त किए जाएँगे। . . . सुखी हैं वे जो सही काम करने की वजह से ज़ुल्म सहते हैं क्योंकि स्वर्ग का राज उन्हीं का है। सुखी हो तुम जब लोग तुम्हें मेरे चेले होने की वजह से बदनाम करें, तुम पर ज़ुल्म ढाएँ . . . तब तुम मगन होना और खुशियाँ मनाना।”—मत्ती 5:3-12.
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यीशु का मशहूर पहाड़ी उपदेशयीशु—राह, सच्चाई, जीवन
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यीशु समझाता है कि किस तरह के लोग वाकई में सुखी होते हैं। ऐसे लोग जो इस बात को समझते हैं कि उन्हें परमेश्वर से मार्गदर्शन की ज़रूरत है। वे इस बात को लेकर दुखी होते हैं कि वे पापी हैं, इसलिए वे परमेश्वर के बारे में सीखते हैं और उसकी सेवा करते हैं। वे परमेश्वर की मरज़ी के मुताबिक काम करते हैं। ऐसे लोगों से चाहे कोई नफरत करे या उन्हें सताए, तो भी वे खुश रहते हैं क्योंकि वे जानते हैं कि परमेश्वर उनसे खुश है और वह उन्हें हमेशा की ज़िंदगी देगा।
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