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  • मसीहा के राज में उद्धार और आनंद
    यशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग I
    • 4, 5. मसीहा के आने के बारे में यशायाह ने क्या भविष्यवाणी की थी और मत्ती ने यशायाह के शब्दों को कैसे लागू किया?

      4 यशायाह के ज़माने से कई सदियों पहले, इब्रानी भाषा में बाइबल लिखनेवाले दूसरे लेखकों ने भी मसीहा के आने का इशारा किया था। यही वह सच्चा प्रधान था जिसे यहोवा इस्राएलियों के पास भेजनेवाला था। (उत्पत्ति 49:10; व्यवस्थाविवरण 18:18; भजन 118:22,26) अब यशायाह के ज़रिए यहोवा इस प्रधान के बारे में और ज़्यादा जानकारी देता है। यशायाह लिखता है: “यिशै के ठूंठ में से एक अंकुर फूट निकलेगा, हां, उसकी जड़ में से एक शाखा निकलकर फलवन्त होगी।” (यशायाह 11:1, NHT. भजन 132:11 से तुलना कीजिए।) “अंकुर” और “शाखा” दोनों ही शब्दों से इस बात का संकेत मिलता है कि मसीहा, यिशै के पुत्र दाऊद के वंश से होगा जिसे इस्राएल का राजा नियुक्‍त करने के लिए तेल से अभिषिक्‍त किया गया था। (1 शमूएल 16:13; यिर्मयाह 23:5; प्रकाशितवाक्य 22:16) सच्चा मसीहा जब आएगा तो दाऊद के घराने की “शाखा” होने के नाते वह अच्छा फल लाएगा।

      5 जिस मसीहा के आने का वादा किया गया था, वह यीशु है। सुसमाचार की किताब लिखनेवाले मत्ती ने यशायाह 11:1 के शब्दों का हवाला देते हुए कहा कि यीशु के “नासरी” कहलाए जाने से भविष्यवक्‍ताओं का वचन पूरा हुआ। यीशु को इसलिए नासरी कहा गया क्योंकि उसकी परवरिश नासरत नगर में हुई। ऐसा लगता है कि इस नगर का नाम, यशायाह 11:1 में “अंकुर” शब्द के लिए इस्तेमाल हुए इब्रानी शब्द से संबंध रखता है।b—मत्ती 2:23, NHT, फुटनोट; लूका 2:39,40.

  • मसीहा के राज में उद्धार और आनंद
    यशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग I
    • b “अंकुर” के लिए इब्रानी शब्द है नीत्सेर और “नासरी” के लिए है नोत्स्री।

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