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यहोवा द्वारा कौन अनुमोदित किए जाएंगेप्रहरीदुर्ग—1989 | अगस्त 1
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२ यूहन्ना विनीत रूप से अनुपालन करने और यीशु का पानी से बाहर निकलने के बाद “आकाश खुल गया, और उसने परमेश्वर के आत्मा को कबूतर की नाईं उतरते और अपने ऊपर आते देखा।” इसके अतिरिक्त, “यह आकाशवाणी हुई: “यह मेरा प्रिय पुत्र है, जिसे मैंने अनुमोदित किया है।” (मत्ती ३:१६, १७, न्यू.व; मरकुस १:११) क्या ही एक उद्घोषण! हम सब उसे प्रसन्न करने में आनन्द उठाते हैं जिसका हम आदर करते हैं। (प्रेरित ६:३-६; १६:१, २; फिलिप्पियों २:१९-२२; मत्ती २५:२१) फिरा, ज़रा कल्पना कीजिए कि आपको कैसे महसूस होगा, अगर सर्वशक्तिमान परमेश्वर घोषित करता है, ‘मैं तुम्हें अनुमोदित करता हूँ!’
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यहोवा द्वारा कौन अनुमोदित किए जाएंगेप्रहरीदुर्ग—1989 | अगस्त 1
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उसके शब्दों का क्या अर्थ था?
४. (अ) परमेश्वर के प्रख्यापन में “अनुमोदित” के यूनानी शब्द का अर्थ क्या है? (ब) इस घटना में इस प्रयोग का विशेष महत्त्व क्यों है?
४ “मैं ने [यीशु को] अनुमोदित किया है” परमेश्वर के इन शब्दों के सुसमाचार अभिलेख यूनानी क्रियापद यूडोकियो का उपयोग करते हैं। (मत्ती ३:१७; मरकुस १:११; लूका ३:२२) इसका अर्थ है, “प्रसन्न होना, अनुकूल दृष्टि से देखना, पसंद करना,” और उसके संज्ञा रूप का अर्थ “सद्भाव, चाह, कृपादृष्टि, इच्छा, अभिलाषा” है। यूडोकियो दैवी अनुमोदन तक सीमित नहीं। उदाहरणार्थ मकिदुनिया के मसीही दूसरों के साथ आर्थिक रूप से हिस्सा लेने के लिए प्रसन्न” थे। (रोमियों १०:१; १५:२६; २ कुरिन्थियों ५:८; १ थिस्सलुनीकियों २:८; ३:१) तो भी, जो अनुमोदन यीशु ने पाया, वह परमेश्वर द्वारा अभिव्यक्त किया गया, मनुष्यों के द्वारा नहीं। यीशु के सम्बन्ध में यह शब्द उसके बपतिस्मा के बाद ही उपयोग किया गया। (मत्ती १७:५; २ पतरस १:१७) दिलचस्पी की बात है कि, लूका २:५२ एक अलग शब्द—खारिस—का इस्तेमाल करता है जो यीशु को बपतिस्मा नहीं पाए हुए एक जवान के रूप में दिखाता है, जिसने परमेश्वर और मनुष्यों से अनुमोदन पाया।
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