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  • “जाओ और . . . लोगों को मेरा चेला बनना सिखाओ”
    मेरा चेला बन जा और मेरे पीछे हो ले
    • 11 यीशु ने अपने चेलों को सिखाया कि यहोवा पर भरोसा रखो। उसने कहा: “अपने कमर-बंध की जेबों में न तो सोने, न चाँदी और न ताँबे के पैसे लेना। न ही सफर के लिए खाने की पोटली या दो-दो कुरते या जूतियाँ या लाठी लेना, क्योंकि काम करनेवाला भोजन पाने का हकदार है।” (मत्ती 10:9, 10) उन दिनों मुसाफिर अपनी कमर-बंध की जेबों में पैसे रखते थे, साथ ही खाने की पोटली और जूतियों की एक और जोड़ी लेकर चलते थे।a यीशु ने जब अपने चेलों से कहा कि उन्हें इन सब चीज़ों की चिंता करने की ज़रूरत नहीं है, तो एक तरह से वह कह रहा था: “यहोवा पर पूरा भरोसा रखो, वह तुम्हारी हर ज़रूरत पूरी करेगा।” मेहमाननवाज़ी दिखाना इसराएलियों की रीत थी और यहोवा उन लोगों को चेलों की मेहमाननवाज़ी के लिए उभारता जो खुशखबरी कबूल करते। इस तरह यहोवा उनकी ज़रूरतें पूरी करता।—लूका 22:35.

  • “जाओ और . . . लोगों को मेरा चेला बनना सिखाओ”
    मेरा चेला बन जा और मेरे पीछे हो ले
    • 11 यीशु ने अपने चेलों को सिखाया कि यहोवा पर भरोसा रखो। उसने कहा: “अपने कमर-बंध की जेबों में न तो सोने, न चाँदी और न ताँबे के पैसे लेना। न ही सफर के लिए खाने की पोटली या दो-दो कुरते या जूतियाँ या लाठी लेना, क्योंकि काम करनेवाला भोजन पाने का हकदार है।” (मत्ती 10:9, 10) उन दिनों मुसाफिर अपनी कमर-बंध की जेबों में पैसे रखते थे, साथ ही खाने की पोटली और जूतियों की एक और जोड़ी लेकर चलते थे।a यीशु ने जब अपने चेलों से कहा कि उन्हें इन सब चीज़ों की चिंता करने की ज़रूरत नहीं है, तो एक तरह से वह कह रहा था: “यहोवा पर पूरा भरोसा रखो, वह तुम्हारी हर ज़रूरत पूरी करेगा।” मेहमाननवाज़ी दिखाना इसराएलियों की रीत थी और यहोवा उन लोगों को चेलों की मेहमाननवाज़ी के लिए उभारता जो खुशखबरी कबूल करते। इस तरह यहोवा उनकी ज़रूरतें पूरी करता।—लूका 22:35.

  • “जाओ और . . . लोगों को मेरा चेला बनना सिखाओ”
    मेरा चेला बन जा और मेरे पीछे हो ले
    • a कमर-बंध शायद कपड़े या चमड़े की बनी पेटी होती थी जिसमें सिक्के रखे जाते थे। खाने की पोटली बड़ी होती थी, जो अकसर चमड़े की होती थी और जिसे कंधे पर लटकाया जाता था। उसमें खाने के अलावा दूसरे ज़रूरी सामान रखे जाते थे।

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