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यरूशलेम और वह मंदिर जहाँ यीशु जाया करता था‘उत्तम देश को देख’
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यीशु अकसर बैतनिय्याह में रहनेवाले लाजर, मरियम और मार्था के घर जाया करता था, जो उसके दोस्त थे। बैतनिय्याह, यरूशलेम के पूर्व की ओर “कोई दो मील की दूरी पर था।” (यूह 11:1, 18, NW, फुटनोट; 12:1-11; लूका 10:38-42; 19:29; पेज 18 पर “यरूशलेम का इलाका” देखिए।) अपनी मौत से कुछ दिन पहले, यीशु जैतून पर्वत से होता हुआ यरूशलेम के पास आया। उस घड़ी की कल्पना कीजिए जब उसने उस पर्वत पर रुककर पश्चिम की ओर यरूशलेम शहर को देखा और वह उसके बारे में सोचकर रोया। (लूका 19:37-44) उसे कुछ ऐसा नज़ारा दिखायी दिया होगा जैसा आप अगले पेज के ऊपरी हिस्से में देख सकते हैं। इसके बाद, वह एक गदही के बच्चे पर सवार होकर यरूशलेम के अंदर गया। शायद वह एक पूर्वी फाटक से उसमें दाखिल हुआ होगा। जब वह शहर के अंदर जा रहा था, तो लोगों की भीड़ यह कहकर उसकी जय-जयकार करने लगी कि वह इस्राएल का होनेवाला राजा है।—मत्ती 21:9-12.
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यरूशलेम और वह मंदिर जहाँ यीशु जाया करता था‘उत्तम देश को देख’
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[पेज 31 पर तसवीर]
यीशु के दिनों में जैतून पहाड़ से पश्चिम की ओर का नज़ारा
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