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यह राज धरती पर कब हुकूमत करेगा?प्रहरीदुर्ग (जनता के लिए)—2020 | अंक 2
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यीशु ने कहा था, “एक राष्ट्र दूसरे राष्ट्र पर और एक राज्य दूसरे राज्य पर हमला करेगा। बड़े-बड़े भूकंप आएँगे और एक-के-बाद-एक कई जगह अकाल पड़ेंगे और महामारियाँ फैलेंगी।” (लूका 21:10, 11) इन सारी घटनाओं का एक-साथ घटना, इस बात की निशानी होगी कि “परमेश्वर का राज पास है।” क्या ऐसा सच में हुआ है? क्या ये घटनाएँ बड़े पैमाने पर और एक-साथ घटी हैं? आइए कुछ सबूतों पर गौर करें।
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यह राज धरती पर कब हुकूमत करेगा?प्रहरीदुर्ग (जनता के लिए)—2020 | अंक 2
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2. भूकंप
इनसाइक्लोपीडिया ब्रिटैनिका का कहना है कि हर साल करीब 100 भूकंप आते हैं जिससे “ज़बरदस्त नुकसान” होता है। अमरीका के भू-विज्ञान सर्वे के मुताबिक सन् 1900 से जो रिकॉर्ड रखे गए, उनके आधार पर यह कहा जा सकता है कि हर साल 16 बड़े-बड़े भूकंपों का आना तय है। कुछ लोगों का कहना है कि टेकनॉलजी के ज़रिए आज भूकंप का अच्छे से पता लगाया जा सकता है। इस वजह से आजकल भूकंप होने की खबरें ज़्यादा सुनायी दे रही हैं। इसमें कितनी सच्चाई है यह तो हम नहीं जानते, मगर यह बात सच है कि पूरी दुनिया में बड़े-बड़े भूकंपों की वजह से जान-माल का बहुत नुकसान हो रहा है।
3. अकाल
पूरी दुनिया में अकसर युद्ध, भ्रष्टाचार, अर्थव्यवस्था में आयी गिरावट और फसल खराब होने की वजह से अकाल पड़ते हैं। विश्व खाद्य कार्यक्रम की 2018 की सालाना रिपोर्ट में बताया गया है कि “पूरी दुनिया में 82 करोड़ 10 लाख लोगों को खाने की कमी है और इनमें से 12 करोड़ 40 लाख लोग भूखे मर रहे हैं।” कुपोषण की वजह से हर साल करीब 31 लाख बच्चे मारे जाते हैं। सन् 2011 में पूरी दुनिया में बच्चे जिन कारणों से मारे गए, उनमें से 45 प्रतिशत बच्चों की मौत कुपोषण की वजह से हुई।
4. बीमारियाँ और महामारियाँ
विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक पत्रिका बताती है, ‘21वीं सदी में बड़ी-बड़ी महामारियों ने कहर ढाया है। हैजा, ब्लैक डेथ और पीत-ज्वर जैसी पुरानी बीमारियाँ फिर से फैल रही हैं। इसके अलावा इबोला, ज़ीका और मर्स वाइरस, पैंडेमिक इनफ्लूएन्ज़ा और सार्स रोग जैसी नयी बीमारियाँ भी कई लोगों को अपनी चपेट में ले रही हैं।’ और हाल ही में कोविड-19 महामारी ने पूरी दुनिया में कहर ढाया है। भले ही चिकित्सा क्षेत्र में बहुत तरक्की हुई है, फिर भी वैज्ञानिक और डॉक्टर बीमारियों का इलाज ढूँढ़ने और महामारियाँ रोकने में नाकाम हुए हैं।
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