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परमेश्वर के वचन को प्यार करने के फायदेप्रहरीदुर्ग—1999 | नवंबर 1
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७. जब भीड़ यीशु की बातों को सुनने आयी तो उसने कौन-सा दृष्टांत दिया?
७ यीशु ने अपने एक दृष्टांत में बखूबी दिखाया कि किस तरह परमेश्वर के वचन के लिए एक सही नज़रिया रखना बहुत ज़रूरी है। जब पूरे पलिश्ती नगर में यीशु सुसमाचार का प्रचार कर रहा था तो भीड़ की भीड़ उसकी सुनने के लिए इकट्ठा हो गई थी। (लूका ८:१, ४) लेकिन इनमें से सभी परमेश्वर के वचन से प्रेम करनेवाले लोग नहीं थे। बहुत से लोग सिर्फ इसलिए उसकी सुनने आए थे क्योंकि वे उसका चमत्कार देखना चाहते थे या उन्हें उसके सिखाने का तरीका बहुत अच्छा लगता था। इसलिए यीशु ने भीड़ से एक दृष्टांत कहा: “एक बोने वाला बीज बोने निकला: बोते हुए कुछ मार्ग के किनारे गिरा, और रौंदा गया, और आकाश के पक्षियों ने उसे चुग लिया। और कुछ चट्टान पर गिरा, और उपजा, परन्तु तरी न मिलने से सूख गया। कुछ झाड़ियों के बीच में गिरा, और झाड़ियों ने साथ साथ बढ़कर उसे दबा लिया। और कुछ अच्छी भूमि पर गिरा, और उगकर सौ गुणा फल लाया।”—लूका ८:५-८.
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परमेश्वर के वचन को प्यार करने के फायदेप्रहरीदुर्ग—1999 | नवंबर 1
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९. जो बीज (क) रास्ते पर (ख) चट्टान पर (ग) झाड़ियों में, गिरता है उसका क्या मतलब है?
९ यीशु ने कहा कि कुछ बीज रास्ते के किनारे गिरे और रौंदे गए, ये ऐसे लोगों को सूचित करते हैं जो इतने व्यस्त रहते हैं कि राज्य का बीज उनके हृदय में जड़ नहीं पकड़ पाता। इसके पहले कि वे परमेश्वर के वचन के लिए अपना प्यार बढ़ाएँ “शैतान आकर उन के मन [हृदय] में से वचन उठा ले जाता है, कि कहीं ऐसा न हो कि वे विश्वास करके उद्धार पाएं।” (लूका ८:१२) कुछ बीज चट्टान पर गिरते हैं। ये ऐसे लोगों को सूचित करते हैं जिन्हें बाइबल का संदेश अच्छा तो लगता है मगर वे अपने हृदय पर इसका असर नहीं होने देते। जब इनका विरोध किया जाता है या जब इन्हें बाइबल की कोई सलाह मानना मुश्किल लगता है, तो वे जड़ न पकड़ने के कारण “बहक जाते हैं।” (लूका ८:१३) फिर ऐसे लोग भी हैं जो परमेश्वर का वचन सुनते तो हैं, साथ ही “चिन्ता और धन और जीवन के सुख विलास में” भी बुरी तरह डूबे रहते हैं। इसलिए वे कँटीली झाड़ियों में पूरी तरह “फंस जाते हैं।”—लूका ८:१४.
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