वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • दस कोढ़ी ठीक हुए, एक ने धन्यवाद किया
    यीशु—राह, सच्चाई, जीवन
    • जब वे शुद्ध हो जाते हैं, तो उनमें से नौ अपने रास्ते चले जाते हैं। मगर एक आदमी यीशु से मिलने आता है। यह एक सामरी आदमी है। वह दिल से यीशु का एहसानमंद है। “वह ज़ोर-ज़ोर से परमेश्‍वर का गुणगान करता” है, क्योंकि वह जानता है कि असल में परमेश्‍वर ने ही उसे अच्छा किया है। (लूका 17:15) यीशु से मिलने पर वह उसके सामने मुँह के बल गिर पड़ता है और उसका धन्यवाद करता है।

  • दस कोढ़ी ठीक हुए, एक ने धन्यवाद किया
    यीशु—राह, सच्चाई, जीवन
    • यीशु ने दस कोढ़ियों को चंगा करके साबित किया है कि यहोवा ने ही उसे यह सब करने की शक्‍ति दी है। यह सामरी आदमी शायद जीवन की राह पर भी निकल पड़ा है। यह सच है कि आज परमेश्‍वर यीशु के ज़रिए बीमारों को चंगा नहीं करता। लेकिन अगर हम यीशु पर विश्‍वास रखें, तो हम भी जीवन की राह पर चल सकते हैं, हमेशा की ज़िंदगी की राह पर। क्या हम भी उस सामरी की तरह एहसानमंद हैं कि हमें हमेशा की ज़िंदगी मिल सकती है?

हिंदी साहित्य (1972-2025)
लॉग-आउट
लॉग-इन
  • हिंदी
  • दूसरों को भेजें
  • पसंदीदा सेटिंग्स
  • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
  • इस्तेमाल की शर्तें
  • गोपनीयता नीति
  • गोपनीयता सेटिंग्स
  • JW.ORG
  • लॉग-इन
दूसरों को भेजें